आज ब्लॉग की दुनिया में क़दम रखे मेरा एक साल पूर्ण हुआ,
सभी का स्नेह और सानिध्य मिला,
कहने को आभासी दुनिया पर दिल का रिश्ता सभी से जुड़ा मिला |
###########
ख़ामोशियों संग अंतरमन से बातें करूँ,
सुनूँ दिल की किसी से कुछ न कहूँ |
लोटे में बंद समुंदर बन झाँक रही दुनिया,
मुस्कुराये ये जहां मैं अदब से देखती रहूँ |
इसी आदत ने थमायी हाथों में क़लम,
सफ़र अनजान मैं मुसाफ़िर बन रहूँ |
काग़ज़,क़लम संग ज़िंदगी मसि बन गयी,
ख़ुशनुमा राह लेखन मैं डग भरती रहूँ |
ब्लॉग जगत में गुज़रा एक साल
जज़्बात के समुंदर में बहती
दुनिया को एक टक निहारती रहूँ |
स्नेह ,सम्मान का मिला भंडार
बहन यशोदा का सानिध्य संजोती
सखी श्वेता के मार्गदर्शन में लिखती रहूँ |
सुनूँ दिल की किसी से कुछ न कहूँ |
लोटे में बंद समुंदर बन झाँक रही दुनिया,
मुस्कुराये ये जहां मैं अदब से देखती रहूँ |
इसी आदत ने थमायी हाथों में क़लम,
सफ़र अनजान मैं मुसाफ़िर बन रहूँ |
काग़ज़,क़लम संग ज़िंदगी मसि बन गयी,
ख़ुशनुमा राह लेखन मैं डग भरती रहूँ |
ब्लॉग जगत में गुज़रा एक साल
जज़्बात के समुंदर में बहती
दुनिया को एक टक निहारती रहूँ |
स्नेह ,सम्मान का मिला भंडार
बहन यशोदा का सानिध्य संजोती
सखी श्वेता के मार्गदर्शन में लिखती रहूँ |
कुसुम बहन ने ख़ूब सराहा
रेणु बहन ने दिया स्नेह
दुआ अनजानी दर्द हरती रही
रिश्ता प्रगाढ़
दुआ अनजानी दर्द हरती रही
रिश्ता प्रगाढ़
मैं ब्लॉग संग सब की स्नेही बन रहूँ |
अँधेरी राह में
आत्मविश्वास साथ चलने लगा
ख़ामोशियाँ बातों में निमग्न
आत्मविश्वास साथ चलने लगा
ख़ामोशियाँ बातों में निमग्न
तन्हाइयाँ मुस्कुराने लगी
ज़िंदगी भी अब कुछ बदल सी गयी
मिले न मंज़िल इस सफ़र में मुसाफ़िर बन रहूँ |
--अनीता सैनी
ज़िंदगी भी अब कुछ बदल सी गयी
मिले न मंज़िल इस सफ़र में मुसाफ़िर बन रहूँ |
--अनीता सैनी
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंब्लॉग की वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई 💐💐💐
सहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
वाहह्हह.. वाहह्हह प्रिय अनीता..सुंदर काव्यात्मक अभिव्यक्ति..।
जवाब देंहटाएंवर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएँँ....कर्मपथ पर निरंतर अग्रसर होकर खूब यशस्वी हो मेरा असीम स्नेह और अशेष शुभकामनाएँ हमेशा तुम्हारे संग है।
सस्नेह आभार प्रिय सखी श्वेता जी
हटाएंसादर
ब्लॉग की वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई प्रिय अनीता जी 💐💐
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी मीना जी
हटाएंसादर
जारी रहे सफर। लिखती रहें इसी तरह। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय, आप का आशीर्वाद यूँ ही बना रहे
हटाएंसादर
ब्लॉग की वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय दी जी
हटाएंअपना स्नेह यूँ ही बनाएं रखे
सादर
ब्लॉग की वर्षगांठ पर खूब बधाई अनिता जी.. शुभकामनाएँ.. लिखती रहें
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी सुधा जी
हटाएंसादर
व्वाहहहह
जवाब देंहटाएंक्या बात है
प्रथम साल गिरह पर अशेष शुभकामनाएँ
खूब लिखिए औऱ अच्छा लिखिए
आभार....
सादर...
प्रिय यशोदा दी जी आप का तहे दिल से आभार अपना सानिध्य यूँ ही बनाएं रखे
हटाएंसादर
बहुत सारी शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार आप का आप ने बहुत साथ दिया मेरा
हटाएंबहुत सारा स्नेह
आभार
सादर
बधाई हो।
जवाब देंहटाएंआपका लेखन का कारवाँ दिन दूनी और रात चौगुनी गति से आगे बढ़ता रहे।
ब्लॉग लेखन का आपका यह सफर हमेशा जारी रहे।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
ब्लॉग बुलेटिन टीम और मेरी ओर से आप सब को मजदूर दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ !!
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 01/05/2019 की बुलेटिन, " १ मई - मजदूर दिवस - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
सहृदय आभार आदरणीय आप का बुलेटिन मे मुझे स्थान देने के लिए
हटाएंसादर
मुबारक हो
जवाब देंहटाएंलाजवाब सृजन
तहे दिल से आभार आप का आदरणीय
हटाएंसादर
ब्लॉग जगत में एक साल पूरा करने की हार्दिक बधाई सखी ,आप यूँ ही लिखती रहे और हम सब के दिलो पर राज करती रहे यही मेरी ,सादर स्नेह
जवाब देंहटाएंप्रिय कामिनी बहन तहे दिल से आभार आप का
हटाएंसादर
इतने कम समय में ब्लॉग जगत में आपका शंखनाद चतुर्दिक सुनाई पड़ रहा है। आपकी प्रखर लेखनी की धाक जमी रहे। भावनाओं एवं शब्दों से वह सजी रहे। संवेदनाओं की झलक उसमें इसी तरह से बनी रहे।
जवाब देंहटाएंभाई कहा है, तो यही मेरा आशीष है ।
ब्लॉग के प्रथम वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएँ।
शशि भाई तहे दिल से आभार आप का आप का आशीर्वाद यूँ ही बना रहे
हटाएंसादर
हां इस ब्लॉग जगत में ऐसे भी लोग हैं, जिनके संदर्भ यह कहा जा सकता है हाथी के दांत दिखाने के अलग और खाने के कुछ और..।
जवाब देंहटाएंअतः सावधानी पूर्वक आगे बढ़ती रहें।
जी भाई आप का कहा सर आँखों पर मैं ध्यान रखूगी
हटाएंसादर
प्रिय अनीता -- सबसे पहले तो आज के शुभ दिन तुम्हे मेरी हार्दिक शुभकामनायें और ढेरों प्यार | ब्लॉग पर एक साल पूरा होना कितना महत्वपूर्ण होता है इसका मुझे अनुभव है | अभिभूत हूँ तुम्हारे स्नेह से -- छोटे से परिचय से तुमने कितना स्नेह जताया है जिसका कोई आभार देना उचित नहीं समझती और शायद दे भी नहीं सकती क्योकि ये स्नेह अनमोल है | बस यही दुआ करती हूँ कि तुम सपरिवार अपने दोनों नन्हे मुन्नों के साथ ब्लॉग पर अपनी रचनात्मकता के नये शिखर छूती रहो और दूर सीमा पर कर्तव्य रत अपने वीर सैनिक पतिदेव को ये आभास दिलाती रहो कि तुमने उनकी अनुपस्थिति में अपने खाली समय को कितना सार्थक किया है | तुम्हारी रचनाएँ अपनी मिसाल आप हैं | सच कहूं तो अभी तुम्हे बहुत दूर जाना है और खुद को और बेहतर साबित करना है | तुम्हारे भावों का कोई मोल नहीं तब भी अभी तुम्हे लेखन को और मांजने की जरूरत है | तुमने कई रचनाएँ बहुत कमाल लिखी हैं पर अभी तुम्हारे लेखन में अपरिपक्वता नजर आती है | मुझे विशवास है तुम अपने अभ्यास और समर्पण से अपनी सभी कमियों को दूर करने में सफल होगी | दोहा में तुम्हे महारत है शायद इसी लिए आदरनीय मयंक सर की पारखी नजर ने तुम्हे पहचान कर , अपने स्नेहिल सानिध्य में एक चर्चाकर की भूमिका में चुना क्योकि वे खुद अद्भुत दोहाकार और अति उत्तम कवि हैं| उनसे जरुर तुम बहुत कुछ सीख पाओगी | मुझे तुम्हारी प्रतिनिधि रचना का इन्जार रहेगा जिसे यदि कभी पञ्च लिंकों ने दुबारा अवसर दिया , तो उसमें मैं बड़े गर्व से शामिल कर सकूं | साथ ही आग्रह करूंगी थोड़ा बहुत गद्य भी लिखो |एक साल में तुमने अभूतपूर्व सफलता और प्रसिद्धि पाई है | मुझे याद है जब मुझे पहली बार किसी ने तुम्हारी बटोही रचना के लिए बताया था कि एक नई लडकी की बहुत अच्छी रचना है उसे पढना | मैंने पढ़ी तभी से शायद तुम्हारे ब्लॉग पर यदा कदा आती रही हूँ | ब्लॉग के एक साल को भी तुमने अपने मौलिक अंदाज में बिलकुल नये ढंग से मनाया है जो मनभावन और मनमोहक है | आज तो शब्दों की शोभा अलग ही नजर आ रही है |एक बार फिर से तुम्हे ढेरो शुभकामनायें और स्नेह इस दिन विशेष के लिए | ये बार बार आये और तुम ब्लॉग जगत की जगमगाती कवयित्री और रचनाकार कहलाओ मेरी यही दुआ और कामना है |
जवाब देंहटाएंप्रिय रेणु दी तहे दिल से आभार आप का आप का स्नेह यूँ ही बना रहे |सही कहा आप ने मैं अपनी बात दो टूक मे आसानी से कह देती हूँ मुझे अपने शब्दों को विस्तृत रूप देना नहीं आता |आभार आप का आप ने दोहे की विद्या की सराहना की सही कहा आप ने मेरे लिये दोहे लिखना आसान पर मैं नवगीत लिखना चाहती हूँ |आप का मार्गदर्शन दी यूँ ही मिलता रहे |आदरणीय मयंक सर की पारखी नजर ने मुझे पहचाना, अपने स्नेहिल सानिध्य में एक चर्चाकर की भूमिका में मुझे चुना |उन का सहृदय आभार उन्होंने यह सम्मान मुझे दिया |एक बार फ़िर तहे दिल से आभार दी आप वक्त निकला और अपना स्नेह मुझे दिया |आप बहुत अच्छा लिखते हो
हटाएंआभार
सादर
बहुत सुंदर प्रस्तुति ब्लॉग की प्रथम वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं सखी
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार प्रिय अनुराधा बहन आप का
हटाएंआप का साथ यूँ ही बना रहे
आभार
सादर
सहृदय आभार आदरणीय आप का
जवाब देंहटाएंसादर
ब्लॉग के पहली वर्षगांठ की बधाइयां,आप हमेशा सफलता के सौपान चढती रहें...
जवाब देंहटाएंसस्नेह शुभकामनाएं...।
सस्नेह आभार सखी आप का स्नेह यूँ ही बना रहे
हटाएंसादर
आपकी लिखी रचना "साप्ताहिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 04 मई 2019 को साझा की गई है......... मुखरित मौन पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआदरणीय यशोदा दी आप का तहे दिल से आभार मुखरित मौन में मुझे स्थान देने के लिए
हटाएंसादर
ब्लॉग जगत मेंं पहली वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं प्रिय सखी अनीता जी । इस ऊक वर्ष मेंं आपने अपनी प्रतिभा का डंका बजा दिया है । बस आपकी कलम यूँ ही चलती रहे ,इसी शुभेच्छा के साथ ..।
जवाब देंहटाएंप्रिय सखी शुभा बहुत बहुत आभार, आप ने मुझे हमेशा से बहुत स्नेह दिया है आप का सानिध्य यूँ ही बना रहे
हटाएंसस्नेह आभार
सादर
उर के गह्वर की उर्मि तू,
जवाब देंहटाएंभाव लहर में धो देना.
बीज वेदना व्यथित हिया के,
साहित्य-धरा में बो देना.
फिर नव-भाव-किसलय कुसुमित हो,
पुलकित सुरभित हो जायेंगे,
रचना के चेतन पराग पर,
पुंकेसर मुस्कायेंगे............पहली वर्ष गाँठ की शुभकामना और अगणित वर्षगांठों की कामना!!!!!
बहुत ही बेहतरीन आदरणीय किन शब्दों में आप का आभार व्यक्त करू समझ नहीं आ रहा ऐसा लग रहा है जैसे आप ने मुझे गुरु मंत्र दिया है|मन मे उत्साह का संचार करती आप की सुन्दर अभिव्यक्ति
हटाएंतहे दिल से आभार आप का आदरणीय
सादर
हार्दिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
अँधेरी राह में
जवाब देंहटाएंआत्मविश्वास साथ चलने लगा
ख़ामोशियां बातों में निमग्न
तन्हाईयां मुस्कुराने लगी
जिंदगी भी अब कुछ बदल सी गई
मिले न मंजिल इस सफ़र में मुसाफ़िर बन रहूँ
सुन्दर सृजन। ब्लॉग की दुनिया में एक साल पूरे होने पर हार्दिक बधाई। यह सिलसिला साल दर साल यूँ ही चलता रहे।
तहे दिल से आभार आदरणीय
हटाएंसादर
हार्दिक बधाई!!!
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार प्रिय सखी, आप का साथ हमेशा बना रहे
हटाएंसादर
ब्लॉग की वर्षगांठ पर खूब बधाई अनीता दीदी आपका ये सफर जारी रहे किसी भी तरह की मुश्किल हम सभी ब्लाग बंधु आपके साथ है आपकी बस आपकी कलम यूँ ही चलती रहे !!
जवाब देंहटाएंसंजय भास्कर
तहे दिल से आभार भास्कर भाई आप का आप का सानिध्य हमेशा बना रहे
हटाएंआभार
सादर
आदरणीया अनीता जी, ब्लाॅग के एक वर्ष पूरा होने की खुशी आपसे ज्यादा आपके पाठकों को है। आपकी निरन्तरता ही उत्तरोत्तर आपको सफलता की ओर अग्रसर करेगी। इस विषय पर आदरणीया रेणु जी की टिप्पणी से मैं बिल्कुल सहमत हूँ । सुधार व प्रगति की संभावना हमेशा ही रहती है। परिपक्वता खुद ही समय की मांग करता है।
जवाब देंहटाएंपुनः आपके सफल लेखन सफर की कामनाओं सहित बधाई स्वीकार करें ।
सहृदय आभार आदरणीय, आप का आशीर्वाद सदा बना रहे
हटाएंआभार
सादर
बहुत बहुत शुभकामनाएं मैम..!
जवाब देंहटाएंसादर... प्रणाम
सहृदय आभार आप का आदरणीय
हटाएंसादर
वाह बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ... बधाई सहित अनंत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार आदरणीय दी जी
हटाएंसादर
सदियों तक वर्षगांठ मनाती रहो अशेष शुभकामनायें। लेखन कार्य मां शारदा की कृपा से उत्तरोत्तर आसमान छुता रहे।
जवाब देंहटाएंसदा तरक्की की राह पर बढ़ते रहो ।
बहुत सुंदर मन को लुभाती आपकी काव्यात्मक अभिव्यक्ति सदा खुश रहिये सदा साथ बना रहे शुभ कामना सहित।
कुसुम कोठारी ।
तहे दिल से आभार प्रिय दी आप का,बहुत स्नेह दिया है आप ने, आप का सानिध्य हमेशा बना रहे |
हटाएंआभार
सादर
बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ अनीता जी ब्लॉग की सालगिरह के लिये। एक वर्ष का अंतराल ब्लॉग जगत् में आप जैसा प्रतिष्ठित स्थान पाने के लिये पर्याप्त नहीं है।
जवाब देंहटाएंएक वर्ष की ब्लॉगिंग की यात्रा में अनेक उतार-चढ़ाव आपने महसूस किये होंगे। इस बीच आपकी लेखन प्रक्रिया में आया परिवर्तन और निखार क़ाबिल-ए-तारीख़ है। आपकी सखियाँ और आदरणीया दीदी / दीदियाँ निस्संदेह आपको किसी प्रकार की कमी नहीं खलने देती हैं यह ब्लॉग जगत् की ओर से चंद ब्लोगर्स द्वारा हासिल किया गया अनमोल तोहफ़ा है।
आप अपनी रचनाधर्मिता से साहित्य जगत् को ऐसे गुलज़ार करते रहिए और नई-नई उपलब्धियाँ हासिल करते रहिए।