" पीपल के पत्तों की पालकी "
समृद्धशील संस्कृति,
संस्कारों से सराबोर ,
सहनशीलता की पराकाष्ठा,
समेटे समय का दौर |
बंधुत्व से बँधी,
बरगद ने सुना बखान,
पीपल के पत्तों की पालकी,
मानव को मानवता का वरदान ,
समय के कंधों पर, हो सवार
करने चली , दुनिया का उद्धार |
देवदूत वे दादा-दादी,
दिया दामन दायित्व का,
बन सितारे नाना-नानी,
महकाया आँगन संस्कारों का
मन मानव का मलिन हुआ,
महका महत्व मंसूबो का,
दबा द्वेष उर में , किया क़त्ल सद्भावों का
दर्द का मरुस्थल दिया दहका |
सजी संर्कीणता सपनों में,
सड़ने लगे सब संस्कार ,
जीवन दुष्कर हुआ, जनमानस का ,
घोला परिवेश में विकार |
- अनीता सैनी
अनुप्रास अलंकार सेसजी और भावों से समृद्ध रचना प्रियअनीता। हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया प्रिय रेणु दी जी
हटाएंसादर स्नेह
समय काल का बदलता परिवेश कहां से कहां आ गया बहुत सटीक सार्थक सृजन।
जवाब देंहटाएंअंलकृत और सुंदर शब्दों का संयोजन।
तहे दिल से आभार प्रिय कुसुम दी जी
हटाएंसादर स्नेह
सांस्कृतिक मूल्यों का ताना-बाना बुनती रचना में पालकी की मनोहारी कल्पना.
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना.
सहृदय आभार आदरणीय रविन्द्र जी
हटाएंप्रणाम
सादर
वाह....बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सर
हटाएंप्रणाम
सादर
बंधुत्व से बंधी बरगद ने सुनाई बखान।वाह क्या बात है।अति सुंदर।
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार आप का
हटाएंसादर स्नेह
प्रणाम
बेहतरीन रचना ,सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर स्नेह
प्रणाम
बहुत सुंदर रचना सखी 👌 👌
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत सुन्दर मनोभावों से सुसज्जित सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार प्रिय सखी मीना जी
हटाएंसादर स्नेह
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 21/06/2019 की बुलेटिन, " अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2019 - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय ब्लॉग बुलेटिन में मेरी रचना को स्थान देने के लिए
हटाएंप्रणाम
सादर
बिम्बों की अनुप्रासिक शब्दावली पीपल के पत्तों की पालकी में सवार!
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय आप का
हटाएंप्रणाम
सादर
सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सखी
हटाएंप्रणाम
सादर
वृक्षों और नदियों का सम्मान करने वाली संस्कृति आज दोराहे पर खड़ी है...
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार आदरणीया
हटाएंप्रणाम
सादर
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२४ जून २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सस्नेह आभार श्वेता दी जी मुझे पाँच लिंकों का आंनद पर स्थान देने के लिए
हटाएंसादर स्नेह
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया दी जी
हटाएंप्रणाम
सुन्दर मनोभावों से सुसज्जित
जवाब देंहटाएंवक़्त मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी आयें|
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
बहुत बहुत शुक्रिया आप का भास्कर भाई
हटाएंवक़्त मिलते ही आती हूँ आप के ब्लॉग पर
प्रणाम