गूँगी गुड़िया
अनीता सैनी
गुरुवार, अगस्त 2
हाइकु रचना
प्यार से पाला
गिरवी रख दिया
तंग पेट ने ।
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भूख ने मोड़ा
ज़रुरत ने तोड़ा
न नूर छोड़ा ।
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मन बहका
तन ठोकर खायें
मैं सुख ढूँढूँ |
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वक़्त ने तोड़ा
हिम्मत ने जोड़ा
कर्म संग दौड़ा ।
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आँखों में नमीं
आँचल में छीपायें
हँसती जाये ।
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