व्याकुल मन की पुकार |
हर पत्थर सुना रहा,
प्रेम भक्ति का सार |
अविरल बहती भक्ति,
जग का करे उद्धार |
उर से उलझी पीड़ा,
सुलझी कान्हा के द्वार |
प्रीत पथ पर झूमे जीवन,
छिटका द्वेष का द्वार |
सुख वैभव परित्याग किया,
मिला प्रेम भक्ति का द्वार |
वक़्त में सिमटी गाथा,
तड़पती हृदय के पार |
-अनीता सैनी
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