लौट आना
सैकत बन फिसल रहा
धड़कनों की अँजुली से
मुहब्बत में गूँथा कल
दर्द में मुस्कुराता पल |
मुस्कुराने की आदत
ग़मों को मात दे गयी ,
मुस्कुराती तस्वीर तुम्हारी
आँखें नम कर गयी |
इत्तिफ़ाक़ से लौट आना
महफ़िल फिर सजा देंगें,
क़दमों के निशां उस दर से
अपने हाथों से मिटा देंगें |
-अनीता सैनी
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार. . आदरणीय
हटाएंसादर
वाहः लाजवाब
जवाब देंहटाएंइत्तेफाक से लौट आना...
सह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर