धरा आलिंगन में,
धरी सुनहरी साँझ,
धूसर रंगों में डूबी,
ग़ुरुर से माथा चूम |
शांत लय से रखती,
पद-चाप,
प्रीत में इतराती,
करती प्रेमालाप |
समीर शांत लय,
से टकराती,
प्रीत में बरसाती,
सुनहरी धूप |
मद्धिम लय में छिपी,
आकांक्षा,
दुल्हन-सा माधुर्य समेटे,
श्यामलता में सिमटी,
करती रंगों की बौछार |
बेचैनी हृदय में समेटे,
जला प्रीत का दीप,
ओढ़ी चुनरी यौवन की,
'पी' मिलन की आस |
- अनीता
बहुत ही सुंदर....
जवाब देंहटाएंसाँझ का वर्णन
आभार आदरणीय
हटाएंसादर
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 28/01/2019 की बुलेटिन, " १२० वीं जयंती पर फ़ील्ड मार्शल करिअप्पा को ब्लॉग बुलेटिन का सलाम “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय शिवम् जी ब्लॉग बुलेटिन में स्थान देने हेतु
हटाएंसादर
क्या बात है
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत खूब
आदरणीय लोकेश जी - सह्रदय आभार आप का
हटाएंसादर
मद्धिम लय में छिपी
जवाब देंहटाएंआकांक्षा,
दुल्हन सा माधुर्य समेटे
श्यामलता में सिमटी
करती रंगों की बौछार,...
बहुत-बहुत सुन्दर लिखा है आपने। प्रकृति की माधुर्य का सजीव चित्रण। बेहतरीन ।
आदरणीय पुरुषोत्तम जी - रचना की सराहना हेतु आप का तहे दिल से आभार
हटाएंसादर
बहुत ही बेहतरीन रचना सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (30-01-2019) को "वक्त की गति" (चर्चा अंक-3232) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सह्रदय आभार आदरणीय चर्चा में मुझे स्थान देने के लिए |
हटाएंसादर
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 30 जनवरी 2019 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सस्नेह आभार आदरणीया पम्मी जी पांच लिंकों का आनन्द में मुझे स्थान देने के लिए |
हटाएंसादर
वाहह.. बहुत सुंदर सृजन👌
जवाब देंहटाएंआदरणीया श्वेता जी -आप का तहे दिल से आभार
हटाएंसादर
बहुत बढ़िया, अनिता दी।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ज्योति बहन . . ..
हटाएंआप को बहुत सा स्नेह |
सादर
सांझ का मनोरम वर्णन । अत्यंत सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार आदरणीय मीना जी
हटाएंसादर
सुंदर शब्द चित्र, प्रणाम
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत खूब ........ स्नेह सखी
जवाब देंहटाएंप्रिय कामिनी जी - शुक्रिया सखी ...
हटाएंआभार
सादर
वाह बहुत सुन्दर सखी ।
जवाब देंहटाएंअप्रतिम रचना।
प्रिय सखी कुसुम जी - आप का तहे दिल से आभार, मार्गदर्शन कर आप ने रचना को सम्मान दिया, बहुत सा सस्नेह आप को |
हटाएंआभार
सादर
उत्कृष्ट सृजन...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
प्रिय सुधा जी - सस्नेह आभार आप का
हटाएंसादर
बहुत प्यारी रचना सखी...
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत ही सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंआभार आप का
हटाएंसादर
बहुत सुंदर रचना । हिंदी भाषा के सभी ब्लॉगर्स अपने ब्लॉग को मोनेटाइज करके उससे धनार्जन करना सीखें ।
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