सजा रही जीवन गुलदस्ता,
तुम प्रीत फूल ले आना,
मधुवन महके जीवन का,
तुम पलाश बन खिल जाना |
तपन बहुत है जीवन की,
तुम पतझड़ में मुस्काना,
आँधीं का झौंका का आये द्वार पर,
तुम गुलमोहरी मधुमास सजाना|
गर मायूसी के मोती पहनूँ,
तुम ख़ुशी के तराने गुनगुनाना,
अकेलेपन के झौंकों को,
तुम पलाश बन महकाना|
छूट रहा अनुराग जीवन का,
तुम माया बन लौट आना,
सपना बन बिखरी यादें,
तुम पलाश बन खिल जाना|
- अनीता सैनी
कोमल भावों से सजी अनुपम कृति ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत भावभीनी रचना 👌 👌 👌
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत खूब......
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
सह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत ही सुन्दर रचना सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
छूट रहा अनुराग जीवन का
जवाब देंहटाएंतुम माया बन लौट आना
सपना बन बिखरी यादें
तुम पलाश बन खिल जाना |
बहुत मधुर भाव, प्रणाम।
बहुत मधुर भाव
आदरणीय आप की उत्साहवर्धन टिप्णी मिली | बहुत ख़ुशी हुई |
हटाएंसादर
बहुत सुन्दर अनीता जी.
जवाब देंहटाएंआजकल तो हमारे सभी मित्रगण वसंत के स्वागत में पलक-पांवड़े बिछा रहे हैं. लगता है कि सब पर बिहारी, देव और पद्माकर की छाया पड़ गयी है.
बहुत- बहुत आभार आदरणीय आप का
हटाएंसुन्दर टिप्णी के लिए | आप की टिप्णी से लगता है कुछ अच्छा लिखा है | सर अहो भाग्य हमारे, बिहारी, देव और पद्माकर की छाया हम पर पड़े |सर हमक़दम पर साप्ताहिक विषय मिलता है इस बार का विषय" पलाश " था उसी को आधार मानकर रचना लिखी |आशीर्वाद बनाये रखे |
सादर
बहुत सुंदर प्रस्तूति, अनिता दी।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
सज़ा रही जीवन गुलदस्ता
जवाब देंहटाएंतुम प्रीत फूल ले आना
मधुवन महके जीवन का
तुम पलाश बन खिल जाना |
....वाह...बहुत सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
सह्रदय आभार आदरणीय उत्साहवर्धन
हटाएंटिप्णी के लिए |
सादर
वाह......अति सुंदर अभिव्यक्ति सखी ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बेहतरीन रचना सखी
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार सखी आप का
हटाएंसादर
बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार आदरणीय आप का
हटाएंसादर
वाह अति सुन्दर ..मनमोहक और रूहानी लेखन 👍👍👍👍👍👍
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी उत्साहवर्धन टिप्णी के लिए |
हटाएंसादर
बहुत ही सुंदर पलाश सी खूबसूरत....
जवाब देंहटाएंवाह!!!
धन्यवाद सखी
हटाएंसादर
वाह्ह्ह! लाजवाब रचना। शब्दों का सुन्दर चयन।
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत भावपूर्ण , प्रणाम।
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रस्तुति सोमवार 18 फ़रवरी 2019 को प्रकाशनार्थ "पाँच लिंकों का आनन्द" ( https://halchalwith5links.blogspot.com ) के विशेष सोमवारीय आयोजन "हम-क़दम" के अट्ठावनवें अंक में सम्मिलित की गयी है।
अंक अवलोकनार्थ आप सादर आमंत्रित हैं।
सधन्यवाद।
सह्रदय आभार आदरणीय मुझे हमक़दम में स्थान देने के लिए |
हटाएंसादर
सज़ा रही जीवन गुलदस्ता
जवाब देंहटाएंतुम प्रीत फूल ले आना
मधुवन महके जीवन का
तुम पलाश बन खिल जाना |
सुरीली रचना, मन को छू कर गुजरती हुई। मादक रंग धोलती हुई। शुभकामनाएं व बधाई ।
सह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें
आप का ब्लॉग पर तहे दिल से स्वागत है आदरणीय |सह्रदय आभार आप का उत्साहवर्धन टिप्णी के लिए |
हटाएंप्रणाम
सादर |
प्रिय अनिता सुंदर गेयता पूर्ण आपकी ये रचना मुझे अंदर तक छु गयी | कितनी निश्छल मनुहार पिरोई गयी है रचना में | एक सुंदर सरस और सरल सा गीत जो जिओ मन को छू जाए | मेरा प्यार |
जवाब देंहटाएंप्रिय अनिता नयी रचना जो मैंने FB पर पढ़ी थी इस समय मुझे ब्लॉग पर नहीं मिल पाई देखना जरुर |
जवाब देंहटाएं