अमन का पैगाम,
लहू से लिख दिया,
दिए जो ज़ख़्म,
सीने में छुपा दिया |
मोहब्बत का पैगाम,
पैगंबर बना दिया,
दर्द में डूबा दिल,
एक बार फिर मुस्कुरा दिया |
शहीद का दर्जा,
चोला भगवा का पहना दिया,
खेल गए वो राजनीति,
मुझे ताबूत में सुला दिया |
घर में बैठे आंतकी,
मुझे पहरेदार बना दिया,
हाथों में थमा हथियार,
लाचार बना दिया |
दीन हूँ या हीन,
कटघरे में खड़ा कर दिया,
खौल रहा था ख़ून,
मुझे झेलम में डूबों दिया |
-अनीता सैनी
अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंनमन अमर शहीदों को
हटाएंसादर
बहुत ख़ूब! ताबूत में ख़ामोशी का समंदर समा गया है। लहर उठेगी अपना असर दिखायेगी ज़रूर।
जवाब देंहटाएंवीर जवानों को सादर श्रद्धाँजलि।
उसी इंतज़ार में कई आँखें तथरागई सर |कब और कब तक | आप क़लम के सिपाही हो सर | नेताओं को जागना होगा ,आम जन को जगाना हो |
हटाएंसादर
उनके लहू से लिखा यही पैगाम वतन के दुश्मनों का ताबूत बनेगी और आखिरी कील भी।
जवाब देंहटाएंनमन अमर शहीदों को |
हटाएंसादर
कितना कुछ सिमटा हुआ है इस एक खामोश ताबूत में ...
जवाब देंहटाएंनमन सिर्फ नमन है मेरा ...
नमन अमर शहीदों को |
हटाएंसादर
खामोश लमहों के दरख़्त पर
जवाब देंहटाएंज़िंदगी के खामोश पल
कोटि कोटि नमन
नमन अमर शहीदों को |
हटाएंसादर
घर में बैठे आंतकी, मुझे पहरेदार बना दिया,
जवाब देंहटाएंहाथों में थमा हथियार, लाचार बना दिया |
बिलकुल सही सखी ,नमन है वीरो को और उन्हें जन्म देने वाली वीरांगनाओ को
नमन अमर शहीदों को
हटाएंसादर
बहुत खूब सखी ।आँखें नम हो गई।
जवाब देंहटाएंनमन अमर शहीदों को
हटाएंसादर
नम हो गई आँखे
जवाब देंहटाएंनमन अमर शहीदों को
हटाएंसादर
सलाम है शहीदों को।
जवाब देंहटाएंनमन अमर शहीदों को
हटाएंसादर
खोकर वीर सपूतों को हर आँख नम हैं
जवाब देंहटाएंशत् शत् नमन 🙏
नमन अमर शहीदों को
हटाएंसादर
मार्मिक पक्तियां.
जवाब देंहटाएंनमन
हटाएंसादर
शहीद का दर्जा, चोला भगवा का पहना दिया,
जवाब देंहटाएंखेल गए वो राजनीति, मुझे ताबूत में सुला दिया |
प्रिय सखी अनिता -- बोलते ताबूत के स्वर बड़े मर्मान्तक हैं जो ह्रदय को बींध निकल जाते हैं | शायद समय इन प्रश्नों के उत्तर देने में सक्षम हो | सस्नेह आभार इस हृदयस्पर्शी सृजन के लिए और उन वीर जवानों के कोटिश नमन और वन्दन | |
प्रिय सखी रेणु जी -बहुत सा स्नेह आप को |सही कहा आप ने कुछ प्रश्नों के उतर समय आने पर समय ही देता है |बहुत अच्छा लगा आप ब्लॉग पर पधारे |वीर अमर शहीदों को नमन |
हटाएंसादर
घर में बैठे आंतकी, मुझे पहरेदार बना दिया,
जवाब देंहटाएंहाथों में थमा हथियार, लाचार बना दिया
सटीक अभिव्यक्ति....
शहीदों को श्रद्धांजलि
सस्नेह आभार सखी |
हटाएंअमर शहीदों को नमन |
सादर
घर में बैठे आंतकी, मुझे पहरेदार बना दिया,
जवाब देंहटाएंहाथों में थमा हथियार, लाचार बना दिया |
.......नमन है वीरो को
सह्रदय आभार आदरणीय |
हटाएंनमन वीरों को |
सादर
नमन ,वीर शहीदों को ।
जवाब देंहटाएंनमन वीर जवानों को
हटाएंसादर
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (14-02-2020) को "प्रेम दिवस की बधाई हो" (चर्चा अंक-3611) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
आँचल पाण्डेय
गहराई से चिंतन किया है आपने परिस्थितियों पर सटीक रचना । सैनिकों का दर्द उकेरा है आपने वो देश पर सब कुर्बान करते हैं और बहरूपिए खेल खेलते रहते हैं ।
जवाब देंहटाएंसटीक और सत्य ।