|| मति ||
सागर में दरिया बनाती,
दर्द में मीठी झंकार,
मुखरित जीवन पथ करे,
यही मति का प्यार |
लाचारी को दूर भगाये,
गुनगुनाये जोशीले गीत,
हृदय में पनपाये उत्साह के बीज,
मानव मस्तिष्क की भीत |
||करुणा ||
कर्म पथ को सींचती,
सुख वैभव परित्याग,
पत्थर से भी प्रीत करे,
करुणा हृदय का अनुराग |
मानवता का अदृश्य गहना,
शब्दों में प्रीत आलाप,
नयनों में बैठी मुस्काए,
मानव हृदय का विलाप |
|| प्रीत ||
मति करुणा का अनूठा संगम,
मानव मन का उद्धार,
खोज रहा घट - घट हृदय में,
बैठी मानव मन के द्वार |
मानव ने दामन छोड़ दिया,
क्रोध हुआ, हृदय पर सवार,
तृष्णा ने डेरा डाल दिया,
प्रीत से हुआ दुर्व्यवहार |
- अनीता सैनी
जवाब देंहटाएंतृष्णा ने डेरा डाल दिया
प्रीत से हुआ दुर्व्यवहार
जी सुंदर भाव , प्रणाम।
तहे दिल से आभार आदरणीय आप का
हटाएंत्वरित टिप्णी एवं हौसला बढ़ने के लिए |
सादर
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (20-02-2019) को "पाकिस्तान की ठुकाई करो" (चर्चा अंक-3253) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सह्रदय आभार आदरणीय चर्चा मंच पर मुझे स्थान देने के लिए |
हटाएंसादर
पत्थर से भी प्रीत करें
जवाब देंहटाएंकरुणा ह्रदय का अनुराग
मानवता का अदृश्य गहना
शब्दों में प्रीत आलाप
नयनों में बैठी मुस्काए
मनु ह्रदय का विलाप |
बेहतरीन लेखन,आदरणीय अनीता जी। बहुत-बहुत बधाई ।
सह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत ही बढ़िया लिखा है सखी ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
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बेहतरीन क्षणिकाएं सखी सादर
जवाब देंहटाएंबहुत सा स्नेह सखी आप को
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बहुत ही बेहतरीन
जवाब देंहटाएंप्रिय सखी अनुराधा जी - बहुत सा स्नेह आप का
हटाएंआभार
सादर
कर्म पथ को सींचती
जवाब देंहटाएंसुख़ वैभव परित्याग
पत्थर से भी प्रीत करें
करुणा ह्रदय का अनुराग
बहुत ही सुन्दर ,लाजवाब क्षणिकाएं...
प्रिय सखी सुधा जी - स्नेह आभार आप का सखी
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बहुत सुंदर क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय मार्गदर्शन के लिए | आशीर्वाद बनाए रखे |
हटाएंआभार
सादर
अनीता जी, अब तो आप सूक्तियां कहने लगीं ! हम पापियों का उद्धार अब आपके ज़िम्मे !
जवाब देंहटाएंआदरणीय बहुत अच्छा लगा आप की टिप्णी मिली |सर मन के भावों को शब्दों में पीरों देती हूँ, सुकून मिलता है| आप को रचना पसंद आई बहुत अच्छा लगा | सह्रदय आभार आदरणीय |
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अति सुन्दर जी।
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आप का
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जवाब देंहटाएंवाह वाह अनीता जी अप्रतिम लेखन 👍👍👍👍👍👍👍👍
जवाब देंहटाएंप्रिय सखी इंद्रा गुप्ता जी शुभ प्रभात |आप को बहुत सा सस्नेह |और उत्साहवर्धन टिप्णी के लिए तहे दिल से आभार |
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एक से एक खूबसूरत और सटीक क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंआदरणीय योगी जी आप का ब्लॉग पर तहे दिल से स्वागत है |सह्रदय आभार उत्साहवर्धन टिप्णी के लिए |
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बहुत ही सुंदर सखी ,स्नेह
जवाब देंहटाएंप्रिय सखी कामिनी जी - बहुत सा स्नेह आप को |
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वाह सखी अति उत्तम भावों का सुंदर प्रवाह लिये अप्रतिम लेखन।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी उत्साहवर्धन टिप्णी के लिए |आप को बहुत सा स्नेह |प्रणाम
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बहुत बढ़िया प्रस्तूति, अनिता दी
जवाब देंहटाएंप्रिय ज्योति बहन आप को बहुत सा स्नेह | इतनी सुन्दर टिप्णी के लिए तहे दिल से आभार सखी |
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मति करुना प्रीती ...
जवाब देंहटाएंहर भाव में में अलग रंग ... शब्दों का प्रवाह लाजवाब ... बहुत सुन्दर ...
आदरणीय दिगम्बर नस्वा जी - तहे दिल से आभार आप का उत्साहवर्धन टिप्णी के लिए | प्रणाम स्वीकार करें
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नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरुवार 21 फरवरी 2019 को प्रकाशनार्थ 1315 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
सह्रदय आभार आदरणीय" पाँच लिंकों का आनंद" में मुझे स्थान देने के लिए |
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सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
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Mast di
जवाब देंहटाएंThanks sis. . .
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