हृदय में करुण रागिनी,
साँसें विचलित कर जाती,
मिटे माटी के लाल,
क्यों सुकून की नींद आ जाती ?
हाहाकार गूँज रहा कण-कण में,
स्मृति दौड़ आ जाती,
वेदना असीम हृदय की,
हवाओं से पैगाम लिखवाती|
व्यथा व्योम की सुन मानुष,
दामन में दर्द छुपाती,
जला रही पद चिह्न सपूत के,
करुणा के आँसू बरसाती|
चातक-सी वो करुणार्द्र पुकारें
हृदय को आहत कर जातीं
बेसुध-सी सुप्त व्यथाएँ
सिसक-सिसककर
क्षितिज पटल पर सो जाती |
- अनीता सैनी
चातक सी वो करुणार्द्र पुकारें
जवाब देंहटाएंह्रदय को आहत कर जाती
बेसुध सी सुप्त व्यथाएँ
सिसक - सिसक कर
क्षतिज पटल पर सो जाती |
बहुत ही सुंदर देशभक्ति रचना। अनंत शुभकामनाएं ।
सह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
सुन्दर
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
ह्रदय में करुण रागिनी
जवाब देंहटाएंसांसे विचलित कर जाती
मिटे माटी के लाल
क्यों सुकून की नींद आ जाती ?
बहुत खूब ।
जी धन्यवाद आप का
हटाएंसादर
व्यथा व्योम की सुन मानुस
जवाब देंहटाएंदामन में दर्द छुपाता
जला रहा पद -चिन्ह पूत के
करुणा के आँसू बरसाता
मर्मस्पर्शी रचना
सस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
दुखद स्मृतियां हमेशा दर्द ही देंगी.... बहुत ही मार्मिक हृदयस्पर्शी रचना...
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
मिटे माटी के लाल
जवाब देंहटाएंक्यों सुकून की नींद आ जाती
हृदय स्पर्शी रचना ।
सस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर, भावपूर्ण
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
मर्मस्पर्शी और भावपूर्ण सृजन अनीता जी सस्नेह ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत ही सुंदर सृजन सखी ,स्नेह
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बेहतरीन रचना सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (25-02-2019) को "आईने तोड़ देने से शक्ले नही बदला करती" (चर्चा अंक-3258) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सह्रदय आभार आदरणीय चर्चा मंच पर मुझे स्थान देने के लिए |
हटाएंसादर
Bhut sunder di
जवाब देंहटाएंस्नेह बहन
हटाएंसादर
बहुत अच्छा
जवाब देंहटाएंInternet Day - Internet Ki Jankari Hindi Me
जी आभार आप का
हटाएंसादर
दोस्तों अगर आप सभी के कंप्यूटर के बारे में जानकरी चाहिए हिंदी में तो आप यहाँ से सीख सकते है
जवाब देंहटाएंPenDrive Usb Ko Bootable Kaise Banaye
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आभार
हटाएंसादर
ह्रदय में करुण रागिनी
जवाब देंहटाएंसांसे विचलित कर जाती
मिटे माटी के लाल
क्यों सुकून की नींद आ जाती ?
बहुत ही भावपूर्ण मर्मस्पर्शी रचना प्रिय अनीता जी | माटी के लाल मिट कर गौरवशाली इतिहास तो बन जाते हैं पर उनकी कमी कौन पूरी करे ?कितने मन व्यथित हो मायूसी के ताम में खो जाते होंगे | मन में असीम करुना जगाती ये रचना बहुत मार्मिक है सखी |
सस्नेह आभार प्रिय सखी रेणु जी |
हटाएंआप का ब्लॉग पर तहे दिल से स्वागत है |हमेशा की तरह आज भी आपकी टिप्णी मन को सुकून के क्षण में डूबों गई | ज़ब से होस सभाला है यही अनुभूति आसपास रहती है न चाहते हुए भी शब्दों में झलक जाती है |
आप को बहुत सा स्नेह | आप का साथ बना रहे |
सादर
व्यथा व्योम की सुन मानुष
जवाब देंहटाएंदामन में दर्द छुपाता
जला रहा पद -चिन्ह पूत के
करुणा के आँसू बरसाता ......
बहुत सुंदर रचना।
जी सस्नेह आभार
हटाएंसादर
दिल को छूती बहुत ही सुंदर रचना, अनिता दी।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
जवाब देंहटाएंसादर
खूब
जवाब देंहटाएंजी आभार
हटाएंसादर