सपूत को खोकर
तिलमिलाया आसमां,
आज ख़ुशी के आँसू बहाए ,
ठंडी हुई हृदय की ज्वाला,
आज सुकून से रोया |
आँख का पानी,
दिल का दर्द इत्मीनान से सोया,
सेना का शौर्य,
शहीद का कारवां,
ख़ुशी से मुस्कुराया |
अदम्य साहस देख जवानों का,
आसमां फिर मिलने आया ,
सौग़ात में बरसायीं बूंदें,
तिलक सूर्य की किरणों से करवाया |
- अनीता सैनी
बहुत खूब.......
जवाब देंहटाएंजय हिंद !
सह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (27-02-2019) को "बैरी के घर में किया सेनाओं ने वार" (चर्चा अंक-3260) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सह्रदय आभार आदरणीय चर्चा में मुझे स्थान देने के लिए |
हटाएंसादर
भारतीय सेना और भारत माता की जय
जवाब देंहटाएंपीठ पर किया वार, आज मुँह की खाई
हटाएंदेख सेना का शौर्य,लाहौर में आग जलाई | जय हिंद
सादर
बेहतरीन रचना सखी,सादर
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर |
जय हिन्द !! उत्तम अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंजय हिंद | सस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
भारत माँ के वीर पवन पुत्रों की शान में सुहाने बोल सखी | वाह और सिर्फ वाह !
जवाब देंहटाएंजय माँ भारती , जय माँ के वीर सपूत !!!!!!!!!!! जय हिन्द -- जय हिन्द की सेना |
जय हिंद | नमन हिंद के वीर जवानों को |
हटाएंप्रिय सखी आप भी बधाई | आज जयपुर का मौसम भी कुछ यही बया कर रहा था |
सादर
अति उत्तम जी स्वागत आदरणीय
जवाब देंहटाएंजी आभार
हटाएंसादर
बहुत सुंदर रचना.....
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत ही भावपूर्ण, जय हिन्द।
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत खूब...... सखी ,जय हिन्द -जय हिन्द की सेना
जवाब देंहटाएंप्रिय सखी कामिनी जी स्नेह आभार आप का
हटाएंजय हिंद ,जय भारत
सादर