|| जुनून ||
नाजुक़ हथेली,
सपनों की इमारत,
जुनून कहुँ ,
मंज़िल को पाने की चाहत |
|| आहट ||
दौड़ रही ज़िंदगी,
क़दमों की हुई न आहट,
कहने को सभी अपने,
अपनेपन की हुई न सरसराहट |
|| अहाता ||
शब्दों का मौन अहाता,
सभी का एक ही दाम,
सतरंगी बचपन, धूल से सना,
मोहब्बत का पैग़ाम |
|| प्रेम ||
मूक सफ़र का राही
नज़रों में मोहब्बत का पैगाम
आशिक़ों की तपिश में
सुलगता सुबह - शाम |
|| नदी ||
हर इंतहान से गुज़रती
एकधार में अविरल बहती
सागर चाहत का लक्ष्य
पाने को मिट जाती |
- अनीता सैनी
सुन्दर
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
ये क्षणिकाएं वृहद व्याख्या स्वरूप हैं । बहुत-बहुत सुंदर अर्थपूर्ण लेखन।
जवाब देंहटाएंआदरणीय आप ने रचना की व्याख्या की बहुत ख़ुशी हुई |
हटाएंसह्रदय आभार आप का
सादर
गागर में सागर ...,सभी क्षणिकाएं लाजवाब हैं अनीता जी ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी उत्साहवर्धन टिप्णी के लिए |
हटाएंसादर
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (07-01-2019) को "प्रणय सप्ताह का आरम्भ" (चर्चा अंक-3240) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
पाश्चात्य प्रणय सप्ताह की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
बहुत बहुत आभार आदरणीय
हटाएंचर्चा में स्थान देने के लिए |
सादर
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (07-02-2019) को "प्रणय सप्ताह का आरम्भ" (चर्चा अंक-3240) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
पाश्चात्य प्रणय सप्ताह की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
वाह सखी बहुत सुंदर क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी |
हटाएंसादर |
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी |
हटाएंसादर
बहुत सुन्दर क्षणिकाएं ...
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
Bahut hi kam sabdon mein sundar rachna
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
गहरी और सार्थक क्षणिकाएं।
जवाब देंहटाएंवाह।
सस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर सराहनीय क्षणिकायें है..वाह्ह्ह👌
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीया श्वेता जी |
हटाएंसादर
लाजवाब क्षणिकाएं...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक सारगर्भित..
वाह!!!
सस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
सुन्दर सृजन.
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आदरणीय आप का
हटाएंसादर
बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंआभार आप का
हटाएंसादर
सुन्दर क्षणिकाएं ...अनीता जी ।
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर