यादों के झौंके संग
मंद-मंद मुस्कुराती,आसमां को
एक टक निहारती
अतीत के पन्नों को
विचारों की कंघी से
धीरे-धीरे कुरेदती
किन्हीं ख़्याल में गुम
वजुद तलाशने लगी
कभी तन्हा रही
आज सोई उम्मीद
फिर डग भरने लगी
थामे रहती अँगुली
लड़खड़ाते थे क़दम
वो आज सहारा बनने लगा
मुद्दतों बाद मुस्कुराई
एक सुकून की साँस
दामन में खिलखिलाने लगी,
घनघोर अंधरे में
रफ़्ता-रफ़्ता महकी
मेहनत रंग भरने लगी
गुरुर से धड़कता सीना
उसके कंधे मेरे कंधों को
लाँघकर जाने लगे
नम हुई आँखें आज
वात्सल्य भाव से मुस्कुराने लगी |
- अनीता सैनी
बहुत सुंदर प्रस्तुति, अनिता दी।
जवाब देंहटाएंजी ज्योति बहन |आप का तहे दिल से सुक्रिया |
हटाएंबहुत सा स्नेह |
सादर
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (08-02-2019) को "यादों का झरोखा" (चर्चा अंक-3241) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत सुन्दर ..।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर रचना सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
गुरुर से धड़कता सीना
जवाब देंहटाएंउसके कंधे मेरे कंधों को
लांघ कर जाने लगें ...वाह क्या खूब लिखा है अनीता जी
सस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
वाह बहुत सुन्दर वात्सल्य से भरी कोमल अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार सखी आप का
हटाएंसादर
बहुत उम्दा
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
उसके कंधे मेरे कंधों को
जवाब देंहटाएंलांघ कर जाने लगें
नम हुई आँखें आज
वत्सल्य भाव से मुस्कुराने लगी |..... बहुत सुन्दर!
सह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
ममत्व की मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
उसके कंधे मेरे कंधों को
जवाब देंहटाएंलांघ कर जाने लगें
नम हुई आँखें आज
वत्सल्य भाव से मुस्कुराने लगी |
बहुत सुन्दर रचना ।
आभार आप का
हटाएंसादर
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
घनघोर अंधरे में रफ़्ता रफ़्ता महकी मेहनत रंग भरने लगी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.... बेहतरीन...
सस्नेह आभार सखी उत्साहवर्धन टिप्णी के लिए |
हटाएंसादर
"विचारों की कंघी"
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रयोग
सहृदय आभार आदरणीय
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