प्रभात की निर्मल छाया,
निखरी नीलाकाश में,
लिया नव ज्योति, नव जीवन,
मुस्कुराये स्वछंद प्रभात में,
शशि किरणें प्रीत में पुलकित,
प्रकृति शरद उच्छवास में |
||साँझ ||
नीलाबर की संगिनी,
चले सिंदूरी मंथर चाल,
सिंदूरी, चंदन का समागम,
ओढ़ा प्रीत रंग रेशम जाल,
सुदूर क्षितिज पर सुनहरी,
किरणों से पूछे प्रिय हाल |
- अनीता सैनी
बहुत सुंदर क्षणिकाये बिटिया अनिता
जवाब देंहटाएंप्रणाम चाचा जी |आप का ब्लॉग पर तहे दिल से स्वागत है | ये मेरा भाग्य है की आप ब्लॉग पर पधारे | सह्रदय आभार आप का उत्साहवर्धन टिप्णी और मार्गदर्शन के लिए |आशीर्वाद बनाएं रखे |
हटाएंआभार
सादर
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर क्षणिकाएं सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (05-03-2019) को "पथरीला पथ अपनाया है" (चर्चा अंक-3265) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सह्रदय आभार आदरणीय चर्चा में स्थान देने के लिए | आशीर्वाद बनाए रखे | प्रणाम
हटाएंसादर
सुदूर क्षितिज पर सुनहरी
जवाब देंहटाएंकिरणों से, पूछे प्रिय हाल |
अति सुंदर।
सह्रदय आभार आदरणीय ज़फर जी
हटाएंप्रणाम
सादर
अति उत्तम सखी।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी दीपशिखा जी |स्नेह
हटाएंसादर
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसुक्रिया आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत सुन्दर क्षणिकाएं सखी !!
जवाब देंहटाएंसह्रदय आभार सखी
हटाएंसादर
वाह!!सखु ,बहुत सुंदर !!!👌👌
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
.......सुंदर क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंकभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
शब्दों की मुस्कुराहट
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
जी जरुर |आभार आपका सुंदर टिप्णी के लिए
हटाएंसादर