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सोमवार, मार्च 11

प्रीत रंग

                                                  

मुग्ध हुआ मन मीरा का,  किया एहसासों का शृंगार, 
होली के पावन पर्व पर ,नयन करे श्याम  का इंतज़ार |

हृदय अंकुरित प्रीत रंग , व्याकुल मन की पुकार, 
बदरी बन बरसे प्रीत रंग, हो श्याम रंगों की बौछार |

मचल उठा मन मीरा का, आया होली का त्योहार, 
श्याम  बिन  आँगन  सूना,  कैसे करें  रंगों से  प्यार |

छायी  फागुन रुत  सुहानी,  किया  दहलीज़ का शृंगार,  
   अश्रु  बन  लुढ़क  रहा,  श्याम   रंगों   में  प्यार |

                       - अनीता सैनी 

31 टिप्‍पणियां:

  1. रंगों के त्यौहार के आने की आहट देती रचना।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (13-03-2019) को "सवाल हरगिज न उठायें" (चर्चा अंक-3273) (चर्चा अंक-3211) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय चर्चा में स्थान देने के लिए
      सादर

      हटाएं
  3. आपकी लिखी रचना आज ," पाँच लिंकों का आनंद में " बुधवार 13 मार्च 2019 को साझा की गई है..
    http://halchalwith5links.blogspot.in/
    पर आप भी आइएगा..धन्यवाद।

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    उत्तर
    1. आदरणीया पम्मी जी सस्नेह आभार आप का पाँच लिंकों का आंनद में स्थान देने के लिए
      सादर

      हटाएं
  4. मचल उठा मन मीरा का, आया होली का त्योहार
    श्याम बिन आँगन सुना, कैसे करे रंगों से प्यार |
    जी बहुत ही भावपूर्ण ।

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  5. छाई फ़ागुन रुत सुहानी, किया दहलीज़ का श्रृंगार
    अश्रु बन लुढ़क रहा, श्याम रंगों में प्यार |
    बहुत ही सुन्दर... लाजवाब...
    वाह!!!

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  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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    उत्तर
    1. इस 'प्रेम दीवाणी' को तो अपने पिया से मिलने के लिए - 'सूली ऊपर' पहुंचना होगा.

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    2. प्रणाम आदरणीय
      सादर नमन

      हटाएं
  7. बहुत सुंदर प्रस्तुति मर्मस्पर्शी विरह रचना ।
    हरि दर्शन की प्यासी अखियां

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  8. मर्मस्पर्शी विरह रचना बहुत अच्छी लगी। एक-एक पंक्ति हृदय को छूती है। आपको ढेरों शुभकामनाएं। सादर।

    जवाब देंहटाएं
  9. श्याम बिन आँगन सुना, कैसे करे रंगों से प्यार |
    बहुत खूब .........सखी

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  10. मुग्ध हुआ मन मीरा का, किया अहसासों का श्रृंगार
    होली के पावन पर्व पर ,नयन करे श्याम का इंतज़ार |
    बहुत खूब...... आदरणीया

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  11. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  12. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (10 -3-2020 ) को " होली बहुत उदास " (चर्चाअंक -3636 ) पर भी होगी

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। आप भी सादर आमंत्रित हैं।

    ---

    कामिनी सिन्हा

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  13. दिल को छूती बहुत सुंदर रचना,अनिता दी।

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  14. मचल उठा मन मीरा का, आया होली का त्योहार,
    श्याम बिन आँगन सूना, कैसे करें रंगों से प्यार
    प्रेम के रंगों से सरोबार लाजवाब सृजन
    वाह!!!

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