मुग्ध हुआ मन मीरा का, किया एहसासों का शृंगार,
होली के पावन पर्व पर ,नयन करे श्याम का इंतज़ार |
हृदय अंकुरित प्रीत रंग , व्याकुल मन की पुकार,
बदरी बन बरसे प्रीत रंग, हो श्याम रंगों की बौछार |
मचल उठा मन मीरा का, आया होली का त्योहार,
श्याम बिन आँगन सूना, कैसे करें रंगों से प्यार |
छायी फागुन रुत सुहानी, किया दहलीज़ का शृंगार,
अश्रु बन लुढ़क रहा, श्याम रंगों में प्यार |
- अनीता सैनी
रंगों के त्यौहार के आने की आहट देती रचना।
जवाब देंहटाएंप्रणाम आदरणीय
हटाएंआभार
सादर
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (13-03-2019) को "सवाल हरगिज न उठायें" (चर्चा अंक-3273) (चर्चा अंक-3211) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सहृदय आभार आदरणीय चर्चा में स्थान देने के लिए
हटाएंसादर
आपकी लिखी रचना आज ," पाँच लिंकों का आनंद में " बुधवार 13 मार्च 2019 को साझा की गई है..
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in/
पर आप भी आइएगा..धन्यवाद।
आदरणीया पम्मी जी सस्नेह आभार आप का पाँच लिंकों का आंनद में स्थान देने के लिए
हटाएंसादर
मचल उठा मन मीरा का, आया होली का त्योहार
जवाब देंहटाएंश्याम बिन आँगन सुना, कैसे करे रंगों से प्यार |
जी बहुत ही भावपूर्ण ।
सहृदय आभार शशि भाई
हटाएंप्रणाम
सादर
बहुत उम्दा
जवाब देंहटाएंप्रणाम आदरणीय
हटाएंसादर नमन
जवाब देंहटाएंछाई फ़ागुन रुत सुहानी, किया दहलीज़ का श्रृंगार
अश्रु बन लुढ़क रहा, श्याम रंगों में प्यार |
बहुत ही सुन्दर... लाजवाब...
वाह!!!
सस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस 'प्रेम दीवाणी' को तो अपने पिया से मिलने के लिए - 'सूली ऊपर' पहुंचना होगा.
हटाएंप्रणाम आदरणीय
हटाएंसादर नमन
बहुत सुंदर प्रस्तुति मर्मस्पर्शी विरह रचना ।
जवाब देंहटाएंहरि दर्शन की प्यासी अखियां
सस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर नमन
मर्मस्पर्शी विरह रचना बहुत अच्छी लगी। एक-एक पंक्ति हृदय को छूती है। आपको ढेरों शुभकामनाएं। सादर।
जवाब देंहटाएंप्रणाम आदरणीय
हटाएंसादर नमन
श्याम बिन आँगन सुना, कैसे करे रंगों से प्यार |
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .........सखी
सस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर नमन
सुंदर।
जवाब देंहटाएंप्रमाण आदरणीय
हटाएंसादर नमन
मुग्ध हुआ मन मीरा का, किया अहसासों का श्रृंगार
होली के पावन पर्व पर ,नयन करे श्याम का इंतज़ार |
बहुत खूब...... आदरणीया
सहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर नमन
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (10 -3-2020 ) को " होली बहुत उदास " (चर्चाअंक -3636 ) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
दिल को छूती बहुत सुंदर रचना,अनिता दी।
जवाब देंहटाएंमचल उठा मन मीरा का, आया होली का त्योहार,
जवाब देंहटाएंश्याम बिन आँगन सूना, कैसे करें रंगों से प्यार
प्रेम के रंगों से सरोबार लाजवाब सृजन
वाह!!!