फैला उम्मीद का दामन,
मन वीणा यूँ बजी आज,
उमंग के साज़ सजे सब दिशाओं में,
पिया के रंग में रंगी आज |
ओढ़ चुनरियाँ लाल,
नेह प्रीत में खो जाऊँ,
फिर बन जाऊँ दुल्हन आज|
रीति-रिवाज का पहन चोला,
मंद-मंद मुस्काऊँ आज,
वक़्त की डोरी खोलूँ हाथों से,
फिर सजाऊँ जीवन का साज़ |
बाट तुम्हारी जोहती,
बेचैन हृदय में छिपाये राज़,
भूल न जाना बात मिलन की,
राह निहारे गोरी आज |
- अनीता सैनी
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (05-04-2019) को "दिल पर रखकर पत्थर" (चर्चा अंक-3296) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सहृदय आभार आदरणीय चर्चा में मुझे स्थान देने के लिए
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ओहह्होओ... बहुत बहुत सुंदर प्रिय अनीता👌👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना👍👍
पिया मिलन की आस में गोरी रह-रह झाँके द्वार
सुखद स्मृति पट खोले सोचे कब आयेंगे मेरे प्यार
प्रिय श्वेता बहन तहे दिल से आभार आप का उत्साहवर्धन के लिए 🌷🌷🌷🌷
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बहुत सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंजी सस्नेह आभार आप का आदरणीय
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बहुत सुंदर रचना सखी
जवाब देंहटाएंप्रिय अनुराधा बहन तहे दिल से आभार आप का
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Lazwab
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
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वाह......
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन
जी सहृदय आभार आप का
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बहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार दी
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ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 04/04/2019 की बुलेटिन, " चल यार धक्का मार , बंद है मोटर कार - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय ब्लॉग बुलेटिन में मुझे स्थान देने के लिए
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बाट तुम्हारी जोहती
जवाब देंहटाएंबेचैन हृदय में छिपाये राज
भूल न जाना बात मिलन की
राह निहारे गोरी आज
मिलन के पलों की मधुरता को संजोती मधुर रचना प्रिय अनीता | शब्द शब्द नेह रस झरता प्रतीत हो रहा है | सुंदर चित्र रचना की शोभा बढ़ा रहा है | ये जोड़ी और प्रेम अक्षुण और अटल हो |मेरी दुआ और कामना | हार्दिक प्यार के साथ |
प्रिय रेणु दी तहे दिल से आभार आप का
हटाएंसादर
बहुत सुंदर रूमानी रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
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आपके मन की वीणा सदैव बजती रहे। शुभकामनाएं व आशीष ।
जवाब देंहटाएंजी सहृदय आभार आदरणीय
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सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
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बेहद खूबसूरत रचना अनीता जी । हार्दिक शुभकामनाएं ।सस्नेह ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार मीना बहन
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अनीता जी, सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए आपको बधाई। सादर।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभर आदरणीय
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वाह!बहुत सुंदर!!
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार आदरणीय
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वाह..क्या बात है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंंदर।
सस्नेह आभार आदरणीया पम्मी जी
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क्या बात है
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
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