माँ , स्नेह का संसार,
नि:शब्द भावों में झलके,
माँ मौन, माँ मुखर हृदय का उद्गगार |
आँखों में झलकें स्नेह,
माँ, रण में हुँकार,
आस्था में बैठा विश्वास,
माँ, कर्म पथ का विस्तार |
आँखों में झलकें स्नेह,
माँ, रण में हुँकार,
आस्था में बैठा विश्वास,
माँ, कर्म पथ का विस्तार |
नाज़ुक डोर बँधे जीवन की,
माँ, जीवन का सार,
क़दम क़दम पर ढाल बनी,
माँ , दो धारी तलवार |
नारी रूप नारायणी,
माँ, शक्ति का अवतार,
मिथक भ्रम जग ने पाला,
माँ,काली के एक पाँव का संसार |
सृष्टि का कण-कण दाता,
माँ, स्नेह रूप में साकार,
सुकूँ की छाँव मिले जीवन में,
माँ, ममता की बौछार |
- अनीता सैनी
- अनीता सैनी
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
भावनाओं से ओतप्रोत रचना।
जवाब देंहटाएंमातृदिवस पर सुन्दर प्रस्तुति दी है आपने।
सहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
अनुपम औ अद्वितीय भावाभिव्यक्ति सुखद औ सराहनीय, अविस्मरणीय औ अभिनंदनीय है।
जवाब देंहटाएंजी सादर धन्यवाद उत्कृष्ट चिंतन चित्रण निमित्त ।
🙏 👏 🙏
सहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत सुंदर कोमल भावों की सरस सुंदर सरचंना।
जवाब देंहटाएंसुलभ भाव रचना ।
सस्नेह आभार प्रिय कुसुम दी
हटाएंसादर
अंतर मन में बहे करूणा
जवाब देंहटाएंमाँ , स्नेह का संसार
नि:शब्द भावों में झलकें
माँ मौन, माँ मुखर हृदय का उद्गगार
माँ पर रचना का यह स्वरूप कोई माँ ही रच सकती है। बहुत ही सुन्दर रचना सृजित हुई है। एक माँ की लेखनी को कोटिशः नमन।
सहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत सुंदर कोमल भावों की सरस सुंदर सरचंना।
जवाब देंहटाएंसुलभ भाव रचना ।
सहृदय आभार जी
हटाएंसादर
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति सखी ।
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार सखी
हटाएंसादर
सही कहा
जवाब देंहटाएंजी आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति प्रिय अनीता..👌
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार प्रिय सखी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, अनिता दी।
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार प्रिय ज्योति बहन
हटाएंसादर
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति प्रिय अनीता 👌👌
जवाब देंहटाएंप्रिय सखी मीना जी सस्नेह आभार आप का
हटाएंसादर
वाह. बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी सुधा जी
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बहुत ही सुन्दर लाजवाब रचना...
जवाब देंहटाएंमातृदिवस की शुभकामनाएं।
सस्नेह आभार प्रिय सखी सुधा जी
हटाएंसादर
नाजुक डोर बँधे जीवन की
जवाब देंहटाएंमाँ, जीवन का सार
क़दम क़दम पर ढाल बनी
माँ , दो धारी तलवार
माँ शब्द का सम्पूर्ण सार ,बेहतरीन रचना अनीता जी
सस्नेह आभार प्रिय सखी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर रचना प्रिय सखी मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌷
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी, मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंआप को
सादर
माँ, जीवन का सार
जवाब देंहटाएंक़दम क़दम पर ढाल बनी
माँ , दो धारी तलवार
माँ शब्द का सम्पूर्ण सार
माँ पर रचना का यह स्वरूप कोई माँ ही रच सकती है। बहुत ही सुन्दर रचना
सहृदय आभार आदरणीय
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जवाब देंहटाएंनाजुक डोर बँधे जीवन की
माँ, जीवन का सार
क़दम क़दम पर ढाल बनी
माँ , दो धारी तलवार
माँ के ममत्व और वात्सल्य की महिमा गाती अत्यंत स्नेहिल रचना | हार्दिक बधाई मातृदिवस की | सस्नेह
सस्नेह आभार प्रिय सखी मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं|
हटाएंसादर
कितने रूप हैं माँ के और हर रूप, हर विचार में माँ अलग, एक शक्ति, एक भक्ति और ममतामई ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना है ...
तहे दिल से आभार आदरणीय आप का
हटाएंसादर
सुन्दर रचना |आपको बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंजी बहुत बहुत शुक्रिया आप का
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