चटक धूप पिरोये प्रेम,
पटक पात्र मायूसी का,
मुस्कुराये बन गुलमोहरी फूल,
ग़मों ने छिटकी गर्मी,
स्नेह के अंबर तल पर बिखरी,
सौरभ की सुखमय धूल |
सुरसरी-सी शीतल लहरी,
प्रज्ज्वलित दीप प्रीत,
मधुर आँच में प्रेम जला, विरह तीव्र मशाल,
खिला गुलमोहर यादों का प्रीत बनी मनमीत |
अनंत पथ पर चले कर्म,
जीवन जलती धूप,
साथ तुम्हारा गुलमोहरी छाया,
फूल यादों का रूप |
-अनीता सैनी
बहुत हो उम्दा
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
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अनुपम सृजन
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी
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अहा बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी
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बहुत सुन्दर सृजन अनीता जी ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी
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बहुत सुंदर रचना सखी 👌👌
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी
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अनंत पथ पर चले कर्म
जवाब देंहटाएंजीवन जलती धूप
साथ तुम्हारा गुलमोहरी छाया
फूल यादों का रूप |
बहुत सुंदर ......सखी
सस्नेह आभार प्रिय कामिनी बहन
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जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
12/05/2019 को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
सहृदय आभार आदरणीय पाँच लिंकों में स्थान देने के लिए
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सहृदय आभार आदरणीय निश्छल जी
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बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
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लाजवाब सृजन...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
सस्नेह आभार प्रिय सखी
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जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
१३ मई २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
तहे दिल से आभार प्रिय श्वेता जी हमक़दम में स्थान देने के लिए
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बहुत खूबसूरत अंदाज़ में पेश की गई है पोस्ट...शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
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मधुर आँच में प्रेम जला, विरह तीव्र मशाल
जवाब देंहटाएंखिला गुलमोहर यादों का प्रीत बनी मन मीत
प्रिय अनिता -- गुलमोहर सरीखी केसरिया प्रीत भरी सुंदर सार्थक रचना | हार्दिक शुभकामनायें और मेरा प्यार |
सस्नेह आभार प्रिय सखी, बहुत ही सुन्दर समीक्षा
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