इन आँखों ने आज बताया,
अटारी बॉर्डर पर देख शौर्य बहनों का,
गुरूर से धड़कता सीना,
गुरूर से धड़कता सीना,
देश प्रेम का सच्चा अर्थ समझ आया |
जज़्बा -ए -जूनून, देख क़दमों की ललकार,
स्मरण रानी लक्ष्मी बाई का हो आया,
रग-रग में दौड़ता देश प्रेम, हाथों में उठी तलवार,
दृश्य वह रण सा आँखों में उभर आया |
दृश्य वह रण सा आँखों में उभर आया |
कण - कण में गूँज शौर्य की ,
साहस से सराबोर सरहद, नज़ारा राज पथ का उभर आया,
साहस से सराबोर सरहद, नज़ारा राज पथ का उभर आया,
छ: फिट उठे क़दम, क़दमों की ललकार, हाथ के पँजे में शिकार ,
दुश्मन का कलेजा धराशाही नज़र आया |
आँखों में तेज़, दहाड़ शेर -ए -हिंद की,
बौखलाहट में पाकिस्तान , दौड़ता नज़र आया,
सीमा के प्रखर प्रहरी सैनिकों का उत्साह,
आसमां की बुंलदियों को छूता नज़र आया |
- अनीता सैनी
बौखलाहट में पाकिस्तान , दौड़ता नज़र आया,
सीमा के प्रखर प्रहरी सैनिकों का उत्साह,
आसमां की बुंलदियों को छूता नज़र आया |
- अनीता सैनी
बहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
वाह्ह्ह्ह... बहुत सुंदर रचना अनु👌...बाघा बार्डर पर होने वाले प्रदर्शन मन में अनोखा जज़्बा जगा जाते हैं कोई शक नहीं।
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार प्रिय श्वेता दी जी
हटाएंसादर
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (11-06-2019) को "राह दिखाये कौन" (चर्चा अंक- 3363) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सहृदय आभार आदरणीय चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए
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सादर
बहुत सुन्दर रचना प्रिय अनीता जी👌👌
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार प्रिय मीना दी जी
हटाएंसादर
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार जून 11, 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीया यशोदा दी जी चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए
हटाएंप्रणाम
सादर
वाह सच में जज्बा ए जनून देख कदमों की ललकार
जवाब देंहटाएंस्मरण रानी लक्ष्मी बाई का हो आया
रग-रग में दौड़ता देश प्रेम हाथों में उठी तलवार
बाघा बार्डर और वीर सैनिकों के शौर्य को देख दिल में सम्मान के भाव सवतः ही प्रकट हो जाते हैं सुन्दर प्रस्तुति अनीता जी
तहे दिल से आभार प्रिय रितु दी जी
हटाएंप्रणाम
सादर
सुंदर।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
वाह!!प्रिय सखी ,बहुत खूब!👌
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार प्रिय शुभा दी जी
हटाएंसादर स्नेह
वाहहहहहहहहहहहहक्षहक्षक्षहक्ष ह क्या कहने है
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय उत्साहवर्धन टिप्णी के लिए
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सादर
जज़्बा -ए -जूनून, देख क़दमों की ललकार,
जवाब देंहटाएंस्मरण रानी लक्ष्मी बाई का, हो आया,
रग-रग में दौड़ता देश प्रेम, हाथों में उठी तलवार,
दृश्य वह रण सा, आँखों में उभर आया |
बहुत सुंदर वीर रस से भरपूर लाजबाब रचना ,देश की उन वीर बेटियों को सत सत नमन
तहे दिल से आभार प्रिय कामिनी दी जी
हटाएंसादर स्नेह
वाह बेहतरीन..वीरों की शान में लिखी शानदार रचना सखी
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार प्रिय अनुराधा दी जी
हटाएंसादर स्नेह
वा...व्व...बहुत बढ़िया रचना,अनिता दी।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय ज्योति बहन
हटाएंसादर स्नेह
"आँखों में तेज़, दहाड़ शेर -ए -हिंद की,
जवाब देंहटाएंबौखलाहट में पाकिस्तान , दौड़ता नज़र आया,
सीमा के प्रखर प्रहरी सैनिकों का उत्साह,
आसमां की बुंलदियों को छूता नज़र आया"
--
ओजस्वी रचना।
सहृदय आभार आदरणीय उत्साहवर्धन समीक्षा हेतु
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सादर
सहृदय आभार आदरणीय
जवाब देंहटाएंसादर
वाह सच में जज्बा ए जनून देख कदमों की ललकार
जवाब देंहटाएंस्मरण रानी लक्ष्मी बाई का हो आया
रग-रग में दौड़ता देश प्रेम हाथों में उठी तलवार
सुंदर प्रस्तुति अनीता जी
तहे दिल से आभार आदरणीय भास्कर भाई |ब्लॉग पर आते रहे |सादर स्नेह
हटाएंराष्ट्रीय भावना से अभिप्रेरित, अनुपम औ अद्वितीय भावाभिव्यक्ति सुखद औ सराहनीय अविस्मरणीय औ अभिनंदनीय है।
जवाब देंहटाएंअति उत्कृष्ट चिंतन चित्रण निमित्त सादर साधुवाद।
जय हिंद वंदेमातरम्।
सहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
प्रिय अनिता -- अटारी बॉर्डर पर जांबाज सैनिकों के साथ लक्ष्मीबाई सरुपा वीरांगनाओं के देश के सम्मान में उठते कदम समस्त राष्ट्र के लिए गौरव का विषय हैं जो जनमानस में देश भक्ति के जज्बे को भर गर्व की अनुभूति करवाते हैं | अत्यंत सराहनीय रचना जिसके लिए आभार | सस्नेह --
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय रेणु दी जी
हटाएंसादर स्नेह