बेटी घर संसार में, है सबसे अनमोल।
इसको ऐ नादान तू, सिक्कों में मत तोल।।
--
बेटी को इस जगत में, बेटा कहा पुकार।
जगदम्बा का रूप है, बेटी तो उपहार।।
--
बेटी बतलाती हमें, ख़ुशीयों का सब सार।
बेटी के बिन मनुज का, जीवन है बेकार।।
--
बेटी जैसे शब्द की, महिमा बहुत महान।
बेटी ही सम्मान है, करुणा की पहचान।।
--
बेटी सुख का सार है, बेटी ही शृंगार।
बेटी के कारण बसे, छोटा-सा संसार।।
--
बेटी को मत त्यागिए, ये जीवन का सार।
बेटी ममतारूप है, क़ुदरत का उपहार।
- अनीता सैनी
बेटियों के प्रति समाज को संवेदनशील होने का संदेश देती अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंप्रणाम
सुन्दर और सार्थक दोहे
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
ले-आऊट सैटिंग में जाकर पाठ का फॉण्ट बड़ा कर लीजिए।
जवाब देंहटाएंपढ़ने में आँखों पर जोर पड़ता है।
जी सर जरूर
हटाएंसादर
बहुत उम्दा
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना गुरुवार १८ जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सस्नेह आभार प्रिय श्वेता दी जी
हटाएंसादर
उत्कृष्ट सृजन
जवाब देंहटाएंशुक्रिया प्रिय दी जी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंप्रणाम
सादर
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 18.7.19 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3400 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
सहृदय आभार आदरणीय चर्चा मंच पर स्थान देने के लिये
हटाएंसादर
बेटियां ही घर की रौनक़ होती हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना और भाव
सादर
तहे दिल से आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बेटी ही मनुज की सृजनहार है, क्योँकि कल वही माँ भी बनती है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही उत्कृष्ट विचार आदरणीय,
हटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आप का
सादर
बहुत सुंदर और सत्य ।
जवाब देंहटाएंअभिनव सृजन, सटीक यथार्थ।
सस्नेह आभार प्रिय कुसुम दी जी
हटाएंसादर
सुंदर सृजन !
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत सुंदर और सार्थक सृजन सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी
हटाएंसादर
बहुत सुन्दर दोहे हैं ... बेटियां तो जीवन का आधार हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सर
हटाएंसादर
सुन्दर दोहे है और सार्थक भी हैं।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंप्रणाम
प्रिय अनीता, बेटी को समर्पित बहुत ही सार्थक
जवाब देंहटाएंदोहे!!! 👌👌👌बिटिया के लिए मेरी ओर से
दुनिया में अनमोल है ये तेरी मुस्कान लाडली,
तू है मेरे जिगर क टुकड़ा - तू है मेरी जान लाडली!!!!!
नयनाभिराम सौम्य चित्र के लिए आभार और गुड़िया को प्यार। 💐💐💐💐🌹🌹🌹💐
तहे दिल से आभार प्रिय रेणु दी बहुत ही सुन्दर समीक्षा
हटाएंअपना स्नेह यूँ ही बनाये रखे
सादर
बहुत ही सुन्दर सार्थक दोहे....
जवाब देंहटाएंसचमुच बेटी ही सुख का सार है।
सस्नेह आभार प्रिय दी जी
हटाएंसादर