बुधवार, जुलाई 17

बेटी सुख का सार


बेटी  घर संसार में, है सबसे अनमोल।

इसको ऐ नादान तू, सिक्कों में मत तोल।।

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बेटी को इस जगत में, बेटा कहा पुकार।

जगदम्बा  का  रूप है, बेटी तो उपहार।।

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बेटी बतलाती हमें, ख़ुशीयों  का सब सार।

बेटी के बिन मनुज का, जीवन है बेकार।।

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बेटी जैसे शब्द की, महिमा बहुत महान।

बेटी ही सम्मान है, करुणा की पहचान।।

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बेटी सुख का सार है, बेटी ही शृंगार।

बेटी के कारण बसे, छोटा-सा संसार।।

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बेटी को मत त्यागिए, ये जीवन का सार।

बेटी ममतारूप है, क़ुदरत का उपहार।


   - अनीता सैनी 

34 टिप्‍पणियां:

  1. बेटियों के प्रति समाज को संवेदनशील होने का संदेश देती अभिव्यक्ति.

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  2. ले-आऊट सैटिंग में जाकर पाठ का फॉण्ट बड़ा कर लीजिए।
    पढ़ने में आँखों पर जोर पड़ता है।

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  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना गुरुवार १८ जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. सस्नेह आभार प्रिय श्वेता दी जी
      सादर

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  4. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 18.7.19 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3400 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

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    1. सहृदय आभार आदरणीय चर्चा मंच पर स्थान देने के लिये
      सादर

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  5. बेटियां ही घर की रौनक़ होती हैं।
    बहुत सुंदर रचना और भाव
    सादर

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  6. बेटी ही मनुज की सृजनहार है, क्योँकि कल वही माँ भी बनती है।

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    1. बहुत ही उत्कृष्ट विचार आदरणीय,
      बहुत बहुत शुक्रिया आप का
      सादर

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  7. बहुत सुंदर और सत्य ।
    अभिनव सृजन, सटीक यथार्थ।

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    1. सस्नेह आभार प्रिय कुसुम दी जी
      सादर

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  8. बहुत सुंदर और सार्थक सृजन सखी

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  9. बहुत सुन्दर दोहे हैं ... बेटियां तो जीवन का आधार हैं ...

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  10. प्रिय अनीता, बेटी को समर्पित बहुत ही सार्थक
    दोहे!!! 👌👌👌बिटिया के लिए मेरी ओर से

    दुनिया में अनमोल है ये तेरी मुस्कान लाडली,
    तू है मेरे जिगर क टुकड़ा - तू है मेरी जान लाडली!!!!!
    नयनाभिराम सौम्य चित्र के लिए आभार और गुड़िया को प्यार। 💐💐💐💐🌹🌹🌹💐

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    1. तहे दिल से आभार प्रिय रेणु दी बहुत ही सुन्दर समीक्षा
      अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखे
      सादर

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  11. बहुत ही सुन्दर सार्थक दोहे....
    सचमुच बेटी ही सुख का सार है।

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