उन पथरायी-सी आँखों पर,
तुम प्रभात-सी मुस्कुरायी,
मायूसी में डूबा था जीवन मेरा
तुम बसंत बहार-सी बन
आँगन में उतर आयी,
आँगन में उतर आयी,
तलाश रही थी ख़ुशियाँ जहां में,
मेहर बन हमारे दामन में तुम खिलखिलायी |
चमन में मेरे फूलों-सी महक लौट आयी,
बिटिया प्यारी-दुलारी बुलबुल-सी मेरी,
मासूमियत की सरगम पर,
हृदय की वीणा झंकृत हो इठलायी,
झरने की कल-कल-सी बहती प्यारी मीठी बातें,
सीने में शीतल नीर बन,
रहमत परवदिगार की
नूर बन नयनों में समायी |
नूर बन नयनों में समायी |
खिलखिलाती हँसी से तुम्हारी,
सुख हृदय में उभर आया,
न्यौछावरकर जीवन अपना,
यही पाठ है पढ़ाया,
यही पाठ है पढ़ाया,
बिठूर की बिटिया-सा साहस सीने में,
स्वाभिमान की चिंगारी है जलायी |
बचपन-सा इठलाया जीवन मेरा,
अम्मा बन जब तुमने हक़ है जताया,
तुम्हारी अनेकों समझाइशों पर नासमझ बन,
ज़िंदगी मेरी मुस्कुरायी,
मम्मा आप नहीं समझते !
सुन कलेजा मेरा भर आया
जीवन में सच्ची सखी का सुख है मैंने पाया,
विचलित मन से फ़िक्र तुमने बरसायी,
सुकून हृदय में आँखों में नमी है मैंने पायी |
चमन में मेरे सितारों-सी चहक लौट आयी,
जवाब देंहटाएंबिटिया प्यारी-दुलारी बुलबुल-सी मेरी,
मासूमियत की सरगम पर,
हृदय की वीणा झंकृत हो इठलायी,
झरने की कल-कल-सी बहती बातें,
तुम सीने में शीतल नीर बन,
रहमत परवर्दिगा की तुम नूर बन नयनों में समायी |बहुत खूबसूरत रचना सखी 🌹
तहे दिल से आभार बहना सुन्दर समीक्षा हेतु.
हटाएंसादर
मेरी घर आई एक नन्ही परी..., वाह !! बेहतरीन और लाजवाब 👌👌
जवाब देंहटाएंबिटिया को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं और स्नेहाशीष अनीता जी ।
हटाएंतहे दिल से आभार आदरणीया मीना दीदी जी. आप का स्नेह और सानिध्य यों ही बना रहे.
हटाएंसादर
वाह! वात्सल्य रस की माधुर्य और सौम्यता से परिपूर्ण रचना. बिटिया का जीवन में बहुत ख़ूबसूरत स्वागत करती हुई हृदयस्पर्शी भावों से भरी बेहतरीन अभिव्यक्ति. घर-आँगन की महकार है बिटिया जो परिवार की सम्पूर्णता को नये अर्थ प्रदान करती है. माँ-बेटी का सांकेतिक वार्तालाप रसमय है, रोचक है.
जवाब देंहटाएंबधाई एवं शुभकामनाएँ.
लिखते रहिए.
सहृदय आभार आदरणीय.
हटाएंनिशब्द हो जाती हूँ आपकी सारगर्भित समीक्षा से
अपना स्नेह और आशीर्वाद बनाये रखे
बहुत सुन्दर ! माँ-बेटी का रिश्ता अनूठा होता है, इसे महसूस तो पूरी तरह किया जा सकता है लेकिन इसका पूरी तरह बयान कर पाना नामुमकिन है.
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम आदरणीय सर. मेरी रचना पर आपकी प्रतिक्रिया पाकर आल्हादित हूँ. आपकी प्रतिक्रिया में साहित्यिक बारीकियों के साथ-साथ जीवन की आवश्यक सीख भी निहित होती है. आपका आशीर्वाद और स्नेह सदैव मेरे साथ बना रहे.
हटाएंसादर.
मार्मिक मां बेटी के वार्तालाप का मार्मिक चित्रण
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार आदरणीय दीदी जी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर कोमल सरस और हृदय को आनंद से आडोलित करती वात्सल्य से परिपूर्ण अभिनव रचना।
जवाब देंहटाएंबेटियां कितनी बार मां बन जाती है,
और आंखें नम कर जाती हैं
अंदर तक सुकून की तरंग भर जाती है
सावन की घटाएं होती है
बरस कर अपने सागर पास जाती हैं
और तब बहुत रूलाती हैं।
सादर आभार आदरणीया कुसुम दीदी जी मेरी रचना को इतनी ख़ूबसूरत टिप्पणी से नवाज़ने और मेरा उत्साह बढ़ाने के लिये. आपका साथ पाकर बहुत ख़ुश हूँ.
हटाएंआपका साथ यों ही बना रहे.
सादर
उन पथरायी-सी आँखों पर,
जवाब देंहटाएंतुम प्रभात-सी मुस्कुरायी,
मायूसी में डूबा था जीवन मेरा
तुम बसंत बहार-सी बन
आँगन में उतर आयी,
तलाश रही थी ख़ुशियाँ जहां में,
मेहर बन हमारे दामन में तुम खिलखिलायी |
चमन में मेरे फूलों-सी महक लौट आयी,
बिटिया प्यारी-दुलारी बुलबुल-सी मेरी,
मासूमियत की सरगम पर,
हृदय की वीणा झंकृत हो इठलायी,
झरने की कल-कल-सी बहती प्यारी मीठी बातें,
सीने में शीतल नीर बन,
रहमत परवदिगार की
नूर बन नयनों में समायी |... अनीता बहुत ही सुन्दर लिखा है परन्तु आज गिड्डू के जन्मदिवस पर उसकी फोटो तो लगाती.
जी जरुर
हटाएंसादर
बहुत सुन्दर तस्वीर है
जवाब देंहटाएंजुग जुग जिओ, खुश रहो |
जन्मदिन की सुभकामनाये
आभार
हटाएंसादर
उन पथरायी-सी आँखों पर,
जवाब देंहटाएंतुम प्रभात-सी मुस्कुरायी,
मायूसी में डूबा था जीवन मेरा
तुम बसंत बहार-सी बन
आँगन में उतर आयी,
तलाश रही थी ख़ुशियाँ जहां में,
मेहर बन हमारे दामन में तुम खिलखिलायी |
बहुत सुंदर प्रिय अनीता | बिटिया के प्रति एक स्नेहगर्विता माँ के शब्द- शब्द झरते स्नेहिल उद्गारों से भरी रचना , माँ-बेटी के निस्वार्थ रिश्ते का जीवंत चित्र प्रस्तुत कर रही है | बेटी की महिमा और गरिमा को बढाती ये रचना नन्ही परी के लिए जन्मदिन का सबसे सुंदर उपहार है | गुडिया को जन्मदिन मुबारक हो | वो चिरंजीवी और यशस्वी बने मेरी यही दुआ है | चित्र बहुत ही प्यारा है | एक बार फिर बिटिया को ढेरों हार्दिक स्नेह |
आदरणीया रेणु दीदी जी सादर आभार मेरी रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी के साथ उत्साहवर्धन करने के लिये. साथ बनाये रखियेगा.
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जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार (22-11-2019 ) को ""सौम्य सरोवर" (चर्चा अंक- 3527)" पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिये जाये।
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
*****
-अनीता लागुरी'अनु'
सहृदय आभार आदरणीय चर्चा मंच पर मुझे स्थान देने के लिये.
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प्यारी बिटिया जैसी प्यारी रचना
जवाब देंहटाएंबिटिया को को जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं व शुभाशीष!
तहे दिल से आभार आदरणीय दीदी जी सुन्दर समीक्षा और अपार स्नेह के लिये.
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सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
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नन्ही परी के लिए जन्मदिन का सबसे सुंदर उपहार है
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार आदरणीय सर
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जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२५ नवंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।,
तहे दिल से आभार आदरणीया श्वेता दीदी पाँच लिंकों के आनंद पर स्थान देने के लिये.
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बिठूर की बिटिया से भी आगे जाएगी तुम्हारी बिटिया !
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम आदरणीय सर. मेरी प्यारी बिटिया के लिये आपके स्नेह से भरे आशीर्वचन अनमोल धरोहर हैं. आपकी टिप्पणी ने भावविह्वल कर दिया.
हटाएंसादर.
बचपन सा इठलाया मेरा जीवन। वाह बहुत सुंदर सरस और. सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुजाता बहन
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वाहः वाहः
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा
प्यारी सी बिटिया
सहृदय आभार आदरणीय
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