हे ! यीशु ईश्वर की सलोनी संतान को,
मार्ग परमार्थ का पैगंबर बन दिखा,
द्वेष में सुलगे न कमनीय काया मानव की,
मार्ग परमार्थ का पैगंबर बन दिखा,
द्वेष में सुलगे न कमनीय काया मानव की,
शीतल चाँदनी की वर्षा धरा पर करा देना |
बियाबान भूतल पर भ्रम में भटका,
बदहवास बरबस टूट रहा इंसान,
स्नेह की स्निग्ध धार बहा मन की कपट में,
हे ! यीशु प्रबल पुष्प प्रेम के पनपा देना |
मर्म ममता का महके मोहक,
बदहवास बरबस टूट रहा इंसान,
स्नेह की स्निग्ध धार बहा मन की कपट में,
हे ! यीशु प्रबल पुष्प प्रेम के पनपा देना |
मर्म ममता का महके मोहक,
दीप्ति धधके दिलों में दुआ की,
तम का साथी रहे न धरा पर,
हे ! यीशु ऐसी रीत जगत में चला देना |
तम का साथी रहे न धरा पर,
हे ! यीशु ऐसी रीत जगत में चला देना |
प्रभु प्रेम का पवित्र पाठ पढ़ा,
मद मे डूबे मानुष को राह मानवता की दिखा,
बैर-भाव हृदय से मिटा,
हे ! यीशु जग में दीप ज्ञान का प्रज्ज्वलित कर देना |
© अनीता सैनी
© अनीता सैनी
बेहतरीन रचना बहना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार आदरणीया दी जी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर रचना सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
सार्थक, सुन्दर सजीव रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार आदरणीया दी जी
हटाएंसादर
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (26-12-2019) को "बाँटो कुछ उपहार" पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सहृदय आभार आदरणीय चर्चामंच पर मुझे स्थान देने हेतु.
हटाएंसादर
बहुत सुंदर रचना, अनिता दी।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार बहना उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु.
हटाएंसादर
क्रिसमस की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंप्रेम और करुणा का संदेश दुनिया को देने वाले ईसा मसीह को आज उमंग और उल्लास से याद किया जा रहा है। बच्चों के प्रिय सेंटा क्लॉस को बहुत याद करते हैं बच्चे मनचाहे उपहार के लिये।
सार्थक सृजन।
सादर आभार आदरणीय सुन्दर सारगर्भित समीक्षा हेतु.
हटाएंअपना आशीर्वाद बनाये रखे.
सादर
मर्म ममता का महके मोहक,
जवाब देंहटाएंदीप्ति धधके दिलों में दुआ की,
तम का साथी रहे न धरा पर,
हे ! यीशु ऐसी रीत जगत में चला देना
बहुत ही सुन्दर सार्थक जगत कल्याण की भावना से ओतप्रोत लाजवाब प्रस्तुति।
सादर आभार आदरणीय दीदी जी सुन्दर समीक्षा हेतु.
हटाएंसादर
तम का साथी रहे न धरा पर,
जवाब देंहटाएंहे ! यीशु ऐसी रीत जगत में चला देना
बहुत ही सुन्दर
सादर आभार आदरणीय भास्कर भाई सुन्दर समीक्षा हेतु.
हटाएंसादर
बहुत उम्दा
जवाब देंहटाएंसादर आभार सर
हटाएंसादर