ज़िंदा है इंसानीयत तुममें आज भी,
तुम निडर साहसी और बहादुर हो,
तुम निडर साहसी और बहादुर हो,
इतने बहादुर कि जूझते हो स्वयं से ,
तलाशते हो हर मोड़ पर प्रेम।
महसूस किया है तुम्हारे नाज़ुक दिल को मैंने
अनगिनत बार छलनी होते हुए,
समाज के अनुरुप हृदय को ढालते,
जतन पर जतन सजाते,
स्वयं की सार्थकता जताते हुए।
तुम्हारे कन्धों में सामर्थ्य है,
सार्थक समाज के सृजन का,
न ऊबना भयावह सच की देख तस्वीर,
तुम चलना मानवता के पथ पर,
अपना कारवाँ बढ़ाते हुए।
स्वार्थसिद्धि के उड़ते परिंदे हैं परिवेश में,
तुम्हें विवेक अपना जगाना होगा,
न पहनो मायूसी का जामा,
रोपने होंगे तुम्हें बीज ख़ुशहाली के,
दबे-कुचलों को राहत का मरहम लगाते हुए।
©अनीता सैनी
जतन पर जतन सजाते,
स्वयं की सार्थकता जताते हुए।
तुम्हारे कन्धों में सामर्थ्य है,
सार्थक समाज के सृजन का,
न ऊबना भयावह सच की देख तस्वीर,
तुम चलना मानवता के पथ पर,
अपना कारवाँ बढ़ाते हुए।
स्वार्थसिद्धि के उड़ते परिंदे हैं परिवेश में,
तुम्हें विवेक अपना जगाना होगा,
न पहनो मायूसी का जामा,
रोपने होंगे तुम्हें बीज ख़ुशहाली के,
दबे-कुचलों को राहत का मरहम लगाते हुए।
©अनीता सैनी
स्वार्थसिद्धि के उड़ते परिंदे है परिवेश में,
जवाब देंहटाएंतुम्हें विवेक अपना जगाना होगा,
न पहनो मायूसी का जामा,
अति सुंदर।
भाषा और शब्दों पर पकड़ काबिले तारीफ़ हैं।
आभार
सादर आभार आदरणीय ज़फ़र जी सुन्दर एवं उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु.
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बेहद खूबसूरत रचना सखी
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय दीदी जी
हटाएंसादर
अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ज़नाब 🙏
हटाएंसादर
जीवन की सार्थकता यही है कि वह सकारात्मकता से जुड़कर रचनाधर्मिता से जुड़े और सृष्टि के नियमों और नेमतों को आत्मसात करना और उन्हें क्रियान्वित करना।
जवाब देंहटाएंसामाजिक परिवेश में घृणित विचारों का प्राधान्य नवोदित पीढ़ी की सुव्यवस्थित संस्कारित परवरिश में बाधक है जिसे वैचारिक मंथन और रचनात्मक क्रिया-कलापों से अनुकूल माहौल के निर्माण में बदला जा सकता है।
रचना में सार्थक आह्वान उसे अधिक समाजोपयोगी बनाता है।
सादर नमन आदरणीय रविन्द्र जी सर रचना का मर्म स्पष्ट करती सुन्दर सारगर्भित समीक्षा हेतु. अपना आशीर्वाद बनाये रखे.
हटाएंप्रणाम
तुम्हारे कन्धों में सामर्थ्य है,
जवाब देंहटाएंसार्थक समाज के सृजन का,
न ऊबना भयावह सच की देख तस्वीर,
तुम चलना मानवता के पथ पर,
अपना कारवाँ बढ़ाते हुए।
वाह 👌👌 बहुत ही सुन्दर प्रेरणादायक रचना
सादर आभार आदरणीय दीदी जी सुन्दर समीक्षा हेतु.
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बहुत ही शानदार रचना ...अदृश्य को सदृश्य बनाती,सुंदर संदेश देती सारगर्भित रचना ...बहुत खूब 👌👌👌
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया नितु जी सुन्दर एवं उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु.अपना स्नेह और सानिध्य हमेशा बनाये रखे.
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स्वार्थसिद्धि के उड़ते परिंदे हैं परिवेश में,
जवाब देंहटाएंतुम्हें विवेक अपना जगाना होगा,
न पहनो मायूसी का जामा,
रोपने होंगे तुम्हें बीज ख़ुशहाली के,
दबे-कुचलों को राहत का मरहम लगाते हुए।
बहुत ही सुन्दर सकारात्मकता से ओतप्रोत रचना अनीता जी !
सुदृढ़ शब्दविन्यास
वाह!!!
सादर आभार आदरणीय दीदी जी सुन्दर एवं मनोबल बढ़ाती समीक्षा हेतु.
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विवेक को जगाती आपकी इस रचना हेतु साधुवाद आदरणीया।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सर उत्साह बढ़ाती समीक्षा हेतु.
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सुंदर आह्वान करती सुंदर भावों के साथ अभिनव व्यक्तित्व का सुंदर व्यवहार संतुलन दर्शाता सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंअप्रतिम।
सादर नमन आदरणीया कुसुम दीदी जी मनोबल बढ़ाती सुन्दर समीक्षा हेतु. अपना सानिध्य बनाये रखे.
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तुम्हारे कन्धों में सामर्थ्य है,
जवाब देंहटाएंसार्थक समाज के सृजन का,
न ऊबना भयावह सच की देख तस्वीर,
तुम चलना मानवता के पथ पर,
अपना कारवाँ बढ़ाते हुए।
बेहतरीन भावों की लाजवाब अभिव्यक्ति । भाषा सौष्ठव अति उत्तम
अप्रतिम सृजन ।
सादर आभार आदरणीया मीना दीदी जी उत्साहवर्धक सुन्दर समीक्षा हेतु.
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इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमिर्ज़ा ग़ालिब कहते हैं -
हटाएं'मुश्किलें, मुझ पर पड़ी इतनीं, कि आसां हो गईं !'
और मुश्किलों को आसान करने के लिए हमको अपने बाज़ुओं की और अपने हौसले की ताक़त पर ही भरोसा करना होगा.
सादर नमन आदरणीय सर हौसला बढ़ाती सुन्दर समीक्षा हेतु. मार्गदर्शन करते रहे.
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (21-01-2020) को "आहत है परिवेश" (चर्चा अंक - 3587) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सादर आभार आदरणीय सर मेरी रचना का मान बढ़ाने हेतु.
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बहुत शानदार
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय
हटाएंसादर
बहुत सुंदर रचना। ऐसी रचनाएं कभी कभी पढने को मिलती हैं।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु.
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