आग़ोश में समेटे 2019 जा रहा है,
शिकवा न शिकायत,
जख़्म अनगिनत सीने पर लिये जा रहा है।
इबादत इंसानियत की मक़बूल किये,
बदलने स्वरुप इस जहां का जा रहा है,
2019 का अक्स 2020 को कह पुकारेंगे,
यही आँकलन समय किये जा रहा है।
इबादत इंसानियत की मक़बूल किये,
बदलने स्वरुप इस जहां का जा रहा है,
2019 का अक्स 2020 को कह पुकारेंगे,
यही आँकलन समय किये जा रहा है।
बदल रहा है धरा पर मानव,
बदलने लिबास समय जा रहा है,
क्षमाशीलता की ईख सृष्टि के,
हाथों में थमा परखता इंसां को जा रहा है।
©अनीता सैनी
©अनीता सैनी
नववर्ष की असीम शुभकामनाएँ प्रिय अनु।
जवाब देंहटाएंलेखनी से सुंदर और अमूल्य रचनाएँ निसृत होती रहे सदैव यही कामना है।
सादर आभार प्रिय श्वेता दी आपको भी ढेरों शुभकामनाएँ.
हटाएंआपका स्नेह आशीष यों ही बना रहे.
सादर सस्नेह
दिन, सप्ताह, महीने और वर्ष,
जवाब देंहटाएंआग़ोश में समेटे वह जा रहा है,
शिकवा न शिकायत,
जख़्म अनगिनत लिये जा रहा है |
नये साल की बहुत बहुत सुभकामनाये |
आपको भी असीम शुभकामनाएँ.
हटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 2.1.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3568 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
सहृदय आभार आदरणीय चर्चामंच पर मेरी रचना को स्थान देने के लिये.
हटाएंसादर
समय को वर्ष रूपी लिबास मानवीय कृत्रिमता की करामात है. चंद शब्दों आते-जाते साल के स्वरुप की व्याख्या सुंदर कल्पनाशीलता और कटु यथार्थ के मिश्रण से असरदार बन पड़ी है. हृदयग्राही सृजन में भाव गाम्भीर्य की प्रमुखता वाचक को पुनि-पुनि वाचन के लिये प्रेरित करती है.
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सुन्दर और सारगर्भित समीक्षा हेतु.
हटाएंसुप्रभात
सादर
सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति ,जाने वाला कुछ लेकर कुछ देकर जा रहा है साथ ही जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ाता जा रहा है , देखें हमारे हाथ है करता आखिर।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति।
सादर आभार आदरणीया कुसुम दीदी जी सुन्दर और सारगर्भित समीक्षा हेतु. अपना स्नेह यों ही बनाये रखे.
हटाएंसादर
आदरणीया, नव वर्ष की असीम, अनंत, अशेष शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर नव वर्ष की शुभकामनाओं भरा सन्देश अवश्य पढ़ें। मेरे यूट्यूब चैनल marmagya net पर मेरी कविता मेरी आवाज में अवश्य सुनें, चैनल को सब्सक्राइब करें और अपने विचार अवश्य दें। आपके विचार मेरे लिए बहुमूल्य हैं।
Link: https://youtu.be/vg2QltoOXdY
ब्रजेंद्रनाथ
नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीय.सादर आभार सुन्दर और सारगर्भित समीक्षा हेतु.
हटाएंसादर
लाजवाब
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय
हटाएंसादर