1.
शीतलहर~
फटे पल्लू से मुख
निकाले शिशु।
2.
संध्या लालिमा~
ग्वाले की बांसुरी से
गूंजी गौशाला।
3.
कुहासा भोर -
पिता संग खेत में
खींचती हल |
4.
रक्तिम साँझ~
पगडंडी निहारे
बुजुर्ग माता।
5.
वन में ठूँठ~
बरगद के नीचे
लकड़हारा।
6.
रक्तिम साँझ~
पगडंडी निहारे
बुजुर्ग माता।
7.
पूस की रात~
खलिहान पहुँचा
वृद्ध किसान |
8.
संध्या लालिमा ~
अहीर की गोद में
नन्हा बछड़ा |
9.
मेघ गर्जन~
वृद्ध लिए हाथ में
फूस गट्ठर।
10
निर्जन गली ~
जर्ज़र हवेली से
पायल ध्वनी |
1.
अर्द्ध यामिनी~
जुगनू की आभा से
चमके धरा ।
2.
रुदन स्वर~
पति की फोटो पास
बैठी विधवा ।
3.
ज्येष्ठ मध्याह्न~
खेत मध्य ठूंठ पे
किशोरी शव।
4.
कुहासा भोर~
चूल्हा लीपे माटी से
रसोई में माँ।
5.
शीतल नीर ~
वृक्ष की छाँव तले
हिरण झुण्ड ।
6.
चौथ का चाँद ~
हाथ में पूजा थाल
नवल वधू ।
7.
उत्तरायण ~
माँझे में उलझें है
पक्षी के पँजे ।
8.
उत्तरायण ~
पक्षियों के पँजे से
लहू की बूँदें ।
9.
कुहासा भोर ~
सैनिक वेश धरे
नन्हें बालक।
10.
पूस की रात~
खलिहान में जागे
वृद्ध किसान ।
11.
रात्रि प्रहर~
सूनी राह तकती
द्वार पे वृद्धा ।
12.
मेघ गर्जन ~
दीपक की लौ बीच
पतंगा शव ।
13
ठण्डी बयार ~
अमिया डाल पर
झूलती गोरी ।
14.
ठण्डी बयार ~
चौपाल के बीच में
हुक्के का धुँआ ।
15.
संध्या लालिमा ~
गाय झुण्ड में गूँजा
घंटी का स्वर ।
16
संध्या लालिमा ~
ग्वाले की गोद में
नन्हा बछड़ा ।
17
पौष मध्याह्न~
मंगौड़ा की सुगंध
पाकशाला से।
18.
कुहासा भोर -
मयूर नृत्य देखे
नन्हीं बालिका।
19.
सघन वन-
लपटों के बीच में
कंगारू दल।
20.
कुहासा भोर~
पतंग-मांझा संग
छत पे बच्चे।
21.
जेठ मध्याह्न~
गन्ना गट्ठर लादे
पीठ पे नारी।
22.
मिट्टी की गंध ~
हल्की बरसात में
छलका आँसू।
© अनीता सैनी
वाह बेहतरीन हाइकु सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार आदरणीय दीदी.
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वाह!!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर हायकू अनीता जी !
नयी विधा सीखने के लिए बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
सस्नेह आभार आदरणीया दीदी उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु.
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बेहतरीन और लाजवाब हाइकु । एक और नई विधा में अनीता जी की लेखनी का जादू देखने ंऔर पढ़ने का अवसर मिला ।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया मीना दीदी सुन्दर समीक्षा हेतु.
हटाएंसादर स्नेह
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (05-02-2020) को "आया ऋतुराज बसंत" (चर्चा अंक - 3602) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सहृदय आभार आदरणीय चर्चामंच पर स्थान देने हेतु.
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वाह बहुत शानदार हाइकु प्रिय अनीता जी ।
जवाब देंहटाएंनई विधा पर लाजवाब सृजन।
सादर आभार आदरणीया कुसुम दीदी जी सुन्दर समीक्षा हेतु.
हटाएंसादर स्नेह