ब्लॉग लिखते-लिखते ख़याल आया कि लेखन को पुस्तक का रूप दिया जाय और अपने सृजन को कॉपी राइट के तहत सुरक्षित किया जाय। प्रकाशक की खोज में अक्षय गौरव पत्रिका में प्राची डिजिटल पब्लिकेशन का विज्ञापन मिला। स्क्रिप्ट भेजी गयी जो स्वीकृत हुई। पुस्तक प्रकाशन की अनेक जटिल प्रक्रियाओं से गुज़रते हुए पुस्तक छपते-छपते लॉकडाउन का दौर शुरू हुआ तो प्रकाशन कार्य जहाँ का तहाँ रुक गया। जून 2020 में अनलॉक-1 की शुरुआत हुई तो कल (11 जून 2020) 'एहसास के गुँचे' मुझ तक पहुँची।
आपको यह सूचना देते हुए मन प्रफुल्लित है। अपने सृजन को पुस्तक रूप में देखना सुखद अनुभूति से भरता समय है। आपके स्नेह और आशीर्वाद की अपेक्षा है।
180 पेज की पुस्तक 'एहसास के गुँचे' तीनों फ़ॉर्मेट में उपलब्ध है-
1. हार्ड कवर (ISBN 978-9387856-13-5 ) मूल्य 450 रुपये
2. पेपर बैक (ISBN 978-93-87856-14-1) मूल्य 240 रुपये
3. ई-बुक ( 978-93-87856-19-6 ) मूल्य 120 रुपये
प्रकाशक : प्राची डिजिटल पब्लिकेशन, मेरठ
प्रकाशन वर्ष : 2020
पहली किताब की हार्दिक शुभकामनाएं, अनिता दी। आप इसी तरह आगे बढ़ते रहे यहीं शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय ज्योति बहन आपका आशीर्वाद मेरा मनोबल बढ़ाता है.
हटाएंअपनी लिखी पहली पुस्तक की खुशबू महसूस करना और अपनी कृतित्व का सकारात्मक प्रतिउत्तर लेखनी की ऊर्जा द्विगुणित कर देता है न अनु।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई अनु हार्दिक शुभकामनाएं मेरी भी स्वीकार करो।
बिटिया के हाथों पुस्तक का अनावरण इससे प्यारी बात और कुछ नहीं।
तुम्हारे विचारों की आभा पाठकों के मन पर छाप छोड़ पाने में सक्षम हो मेरी यही कामना है।
खूब यशस्वी हो।
खुश रहो हमेशा।
सस्नेह।
सादर आभार आदरणीया श्वेता दीदी. आपकी हृदयस्पर्शी बातें और शुभकामनाएँ मेरी ऊर्जा हैं.
हटाएंस्नेह बनाए रखिएगा.
हार्दिक बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ!!!
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सर सबल मिला आपके आशीर्वाद से
हटाएंसादर
इस खुशी के अवसर पर आपको बहुत-बहुत बधाई हो।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सर आशीर्वाद बनाए रखे .
हटाएंसादर
बहुत बहुत बधाई आपको अनीता जी ...
जवाब देंहटाएंपुस्तक प्रकाशन और पहली पुस्तक का हाथ में आना एक अनोखा एहसास है जिसका आनद लीजिये ...
बिटिया को बहुत बहुत प्यार ... उसके हाथों में किताब देखना बहुत अच्छा लगा ...
पुनः एक बार फिर से बधाई ...
सादर आभार आदरणीय सर मनोबल मिला आपके आशीर्वाद से.पुस्तक प्रकाशन पर आपका आशीर्वाद अविस्मरणीय है.
हटाएंसादर
बहुत बहुत बधाई अनीता..
जवाब देंहटाएंअपनी पुस्तक का प्रकाशन वास्तव में स्वयं को रोमांचित करने के साथ साथ बहुत सुखद लगता है । बिटिया के हाथों पुस्तक का अनावरण बहुत अच्छा लगा..उसे असीम स्नेह । सस्नेह...
सादर आभार आदरणीया मीना दीदी. पुस्तक प्रकाशन पर आपकी शुभकामनाएँ और आशीर्वाद लेखन में बेहतर करने की प्रेरणा है. आपका साथ पाकर ख़ुद को सौभाग्यशाली समझती हूँ.
हटाएंबहुत बहुत बधाइयाँ... आपका यह सफर निरंतर जारी रहे यही कामना है.
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं
सादर आभार आदरणीय सर मनोबल मिला आपके आशीर्वाद से.आपका आशीर्वाद सदैव मेरे साथ है .
हटाएंबहुत बहुत बधाई आदरणीया अनिता जी 💐💐💐💐
जवाब देंहटाएंखुशियों के ये पल आपको बार बार मिलते रहें यही अभिलाषा ...ढेर सारी शुभकामनाएं 💐💐💐💐💐💐
सादर आभार आदरणीया नितु दीदी. आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने सदैव मेरे लेखन को नई दिशा दी है. आपका साथ बना रहे.
हटाएंबहुत-बहुत बधाई सखी अनीता जी । अपनी प्रथम पुस्तक छपने का अहसास कितना सुखद होता होगा । मुझे देखकर इतनी खुशी हो रही है तो आपकी खुशी के अहसास का अंदाज लगा सकती हूँ । एक के बाद अनेकों पुस्तकें छपतीं रहे यही प्रार्थना है ।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया सुभा दीदी. आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने सदैव मेरे लेखन को नई दिशा दी है. आपका साथ बना रहे.
हटाएंअनंतानंत बधाईयाँ और शुभकामनाएं, प्रिय अनिताये एक सुखद अनुभूति है, अपने सृजन का पुस्तक रूप में हाथ में आना मानों जैसे किसी माँ की गोद में उसकी जीवन भर की आस के रूप में उसकी संतति का साकार रूप में किलकारी भरना।
जवाब देंहटाएंआपकी इस सफलता पर पुनः बहुत बहुत बधाई।
प्रिय साक्षी के साथ में पुस्तक यूं शोभा पा रही है जैसे माँ शारदे सौम्य रूप में स्वयं पुस्तक लिए विराजमान हो ।
आपकी पुस्तक की सफलता की कामना करती हूं ।
और आपके नये संग्रह के लिए अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं।
सादर आभार आदरणीया कुसुम दीदी. पुस्तक प्रकाशन पर आपकी शुभकामनाएँ एवं आशीर्वाद सदैव मेरे साथ रहें.
हटाएंपिय अनीता , हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं इस शुभावसर पर |तुम्हारी अथक मेहनत साकार हुई | एहसासों के गुन्चें कागज़ पर उतरकर- पुस्तक रूप में आने की ख़ुशी तुम्हें मुबारक हो | सरस्वतीरूपा नन्ही साक्षी ने अपने
जवाब देंहटाएंकर कमलों के पावन स्पर्श से , पुस्तक के अनावरण को अविस्मरनीय बना दिया | सच लिखा कुसुम बहन ने , उसके रूप में सौम्य स्वरूप को धारण किये माँ शारदे स्वयं विराज रही है | तुम्हें और साक्षी को हार्दिक स्नेह और पुनः बधाई | प्रार्थना है , कि ये पुस्तक तुम्हारे लिए अखंड यश की प्रतीक बने |
सादर आभार आदरणीया रेणु दीदी. आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने सदैव मेरे लेखन को नई दिशा दी है. आपका साथ बना रहे.
हटाएंसादर
Bahut achi hai. Nice work anita ji.
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई असीम शुभकामनाओं के संग 💗💖
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया विभा दीदी. आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने सदैव मेरे लेखन को नई दिशा दी है. आपका साथ बना रहे.
हटाएंबहुत बहुत शुभकामनाएं अनीता दी, इसी तरह के अवसर जीवन मे आते रहें इन्ही शुभकामनाओं के साथ पुनः हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसादर आभार अनुज आपके द्वारा मिली शुभकामनाएँ अविस्मरणीय है .
हटाएंसादर
बधाई व शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सर आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने सदैव मेरे लेखन को नई दिशा दी है.आशीर्वाद बनाए रखे .
हटाएंबहुत-बहुत बधाई बहना,आपके मन के भावों को पुस्तक के रूप में देखकर बहुत खुशी हुई। एहसास के गुँचे की महक साक्षी बिटिया के हाथ का स्पर्श पाकर और भी महके।आप यूँ हीं सफलता प्राप्त करती रहें। बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं सखी 💐💐💐💐💐💐
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया अनुराधा बहन. आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने सदैव मेरे लेखन को नई दिशा दी है. आपका साथ बना रहे.
हटाएंबहुत बहुत बधाई अनिता बिटिया
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आपका 🙏
हटाएंबहुत बहुत बधाई अनिता बिटिया
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सर आपके आशीर्वाद मनोबल मिला .
हटाएंबहुत बहुत बधाई अनीता जी!प्रिय बिटिया साक्षी के शुभ कर-कमलों द्वारा आपके सृजन का अनावरण अत्यंत खुशी का अविस्मरणीय पल है ....असीम शुभकामनाएं आपको....।आप हमेशा यूँ ही सफलता के सौपान चढ़ती रहे...।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया सुधा दीदी. आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने सदैव मेरे लेखन को नई दिशा दी है. आपका साथ बना रहे.
हटाएंआदरणीया अनीता जी,
जवाब देंहटाएंआपकी पुस्तक का अनावरण बेटी साक्षी के द्वारा किया गया है जो स्वयं लक्ष्मी व सरस्वती का रूप है, जिससे यह
पुस्तक अनावरण / पुस्तक विमोचन बहुत सुन्दर बन गया है। इस अनावरण के सामने भव्य समारोह भी फीके है। सुन्दर अनावरण के इस अवसर पर प्राची डिजिटल पब्लिकेशन की ओर से ढ़ेरो शुभकामनाएं स्वीकार करें।
प्राची डिजिटल पब्लिकेशन, मेरठ की आभारी हूँ. पुस्तक को यथासंभव त्रुटिविहीन पठन सामग्री के साथ लुभावनी साज-सज्जा में प्रकाशित करना धैर्यपूर्ण कार्य है जिसे आपके संस्थान ने बख़ूबी अंजाम दिया है. आपके प्रकाशन की प्रगति के लिए मेरी ओर से ढेरों शुभकामनाएँ.
हटाएंपुस्तक प्रकाशन की बहुत-बहुत बधाई। बिटिया के कर-कमलों से पुस्तक का अनावरण निस्संदेह अर्थपूर्ण है। भव्य विमोचन समारोहों की प्रतीक्षा में पुस्तक का पाठकों के समक्ष आने में विलंब को दरकिनार करता यह क़दम स्वागतयोग्य है। अर्थात पुस्तक के अनावरण का प्रथम चरण नितांत पावन है। बिटिया को ढेरों शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएं'एहसास के गुंचे' पिछले कई महीनों से चर्चा में है। अब अंततः पाठकों को उपलब्ध हो गई है। अनेक समीक्षाओं के साथ पुस्तक के विभिन्न आयाम सामने आएँगे। Writer से Author बनने की जटिल प्रक्रिया आपने पार कर ली है तो अब साहित्य-जगत पर निर्भर है कि 'एहसास के गुंचे' को किस रूप में स्वीकारे।
पुस्तक की सफलता एवं ग्राहता के लिए शुभकामनाएँ।
अक्षय गौरव पत्रिका एक शानदार पुस्तक की हेतु बनी यह जानकर बड़ी ख़ुशी हुई। अक्षय गौरव परिवार की ओर से ढेरों शुभकामनाएँ।
रवीन्द्र सिंह यादव
संपादक
अक्षय गौरव पत्रिका
सादर आभार आदरणीय सर. 'एहसास के गुँचे' के प्रकाशन पर सहृयता से परिपूर्ण आपकी शुभकामनाएँ ख़ुशियाँ बढ़ाने वालीं हैं. आपका मार्गदर्शन और आशीर्वाद सदैव मेरे साथ बना रहे.
हटाएंसादर.
'एहसास के गुँचे' आहिस्ता-आहिस्ता अब पुस्तक में समाहित होकर सबके समक्ष आ चुके हैं. अत्यंत कोमल भावों से सजा आपका मौलिक सृजन पुस्तक के रूप में निस्संदेह भरपूर सराहा जाने वाला है. मुझे गर्व है आपके लेखन पर. पुस्तक की सफलता के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ. साहित्य जगत में आपका ख़ूब नाम हो.
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत स्वागत आपकी पावन शुभकामनाओं का. आपके स्नेह, विश्वास और साथ ने मुझे इस मक़ाम तक पहुँचने में अहम भूमिका निभाई है.साथ और विश्वास यों ही बना रहे .
हटाएंसादर.
ढेरों बधाई ,आपकी रचनाओं को पुस्तक का रूप प्रदान हुआ ,ये हम सभी के लिए गौरव की बात है ,आपकी लेखनी को ये सम्मान मिलना ही था ,अनिता जी आप बहुत ही अच्छा लिखती हैं इसमे दो राय नहीं ,मैं जल्द ही इस पुस्तक को मंगवाऊंगी ,
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया ज्योति दीदी. आपकी हृदयस्पर्शी बातें और शुभकामनाएँ मेरी ऊर्जा हैं.आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने सदैव मेरे लेखन को नई दिशा दी है. आपका साथ बना रहे.
हटाएंस्नेह बनाए रखिएगा.
अनिता अमेजोन में इस पुस्तक को नही दिखाया जा रहा है ,कोई लिंक हो तो दो ,धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ुशी हुई आदरणीय दीदी आपने एहसास के गुँचे बुक के प्रति अपार स्नेह जताया मैं आपको link देती हुँ एक बार पुनः प्रयास करे.स्नेह आशीर्वाद की आभार हूँ दीदी 🙏
हटाएंCheck this out: Ehsas Ke Gunche by Anita Saini https://www.amazon.in/dp/9387856135/ref=cm_sw_r_wa_awdo_t1_zge7Eb5BM28K4
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शुक्रियां अनिता ,कोशिश करती हूँ ,फिर बताती हूँ
हटाएंजी जरुर दी मैं इंतज़ार करुँगी 🙏
जवाब देंहटाएंअनंत शुभकामनाएं आप की साहित्यिक यात्रा के लिए नित निरंतर अपनी लेखनी से ऐसे ही आनंदित करते रहे बहुत सृजनात्मक आवरण । लिंक भेजे कहा उपलब्ध है तो पढ़ कर मजा आए
जवाब देंहटाएंजरुर सर..बहुत बहुत शुक्रिया।
हटाएंसादर
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-2-22) को एहसास के गुँचे' "(चर्चा अंक 4354)पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
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कामिनी सिन्हा