विहंग दल की भाँतिडैने फैलाए लौट आतीं हैं यादेंवे इंसान नहीं किनहीं लौटे दोबाराबंधनों की दहलीज़लाँघ मिलतीं हैं अपनत्व से
पुकारतीं हैंअपनों की परछाई बन
उन्हीं के स्वर में
नयन गढ़ लेते हैं भावों की
गुँथी से जीवित छायाचित्रसेवा भाव का यह सागरहर लेता है मन की पीड़ातब सुकून का सैलाबसवार होता है हर सांस पर
एक वक़्त के खाने मेंउड़ेल समर्पणगाय,कौवे में उन्हेंतलाशती है अंतर्चेतनाअँजुरी में भरा पानीश्राद्धपक्ष में श्रद्धा के पुष्प बनअंतस की नमी सेआँखों के भिगों देता है कोरअपनों की याद में।@अनीता सैनी'दीप्ति'
दिल को छू देने वाली कविता। बाकि याद याद बस याद रह जाती है।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया अनुज मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु।
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अति सुन्दर भाव लिए अनुपम सृजन ।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय दी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु।
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आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 16 सितंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सर सांध्य दैनिक पर स्थान देने हेतु।
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बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सर मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु।
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आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17.9.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
सादर आभार आदरणीय सर चर्चामंच पर स्थान देने हेतु।
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प्रिय अनीता, अपने पितृ पुरुषों को अत्यंत आत्मीयता से याद करते हुए बहुत ही शानदार लिखा है तुमने। कदाचित् इसीलिए हर इंसान औलाद की कामना करता है। भावनाओं से भरे मन के इस मर्मस्पर्शी सृजन के लिए क्या लिखूँ?? कितना भावपूर्ण लिखा है
जवाब देंहटाएंगाय,कौवे में उन्हें
तलाशती है अंतर्चेतना
अँजुरी में भरा पानी
श्राद्धपक्ष में श्रद्धा के पुष्प बन
अंतस की नमी से
आँखों के भिगों देता है कोर
अपनों की याद में।
शुभकामनाओ सहित
🌹🌹💐💐🌹🌹
तहे दिल से आभार आदरणीय रेणु दी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु। स्नेह आशीर्वाद बनाए रखे।सादर
हटाएंतन्हाईयाँ नहीं होतीं तो इन यादों का क्या होता
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सर मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु।
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एक वक़्त के खाने में
जवाब देंहटाएंउड़ेल समर्पण
गाय,कौवे में उन्हें
तलाशती है अंतर्चेतना
अँजुरी में भरा पानी
श्राद्धपक्ष में श्रद्धा के पुष्प बन
अंतस की नमी से
आँखों के भिगों देता है कोर
अपनों की याद में।
पूर्वजों के श्राद्ध पर श्रद्धा से लिखी बहुत ही हृदयस्पर्शी रचना...।
वाह!!!
तहे दिल से आभार आदरणीय सुधा दी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु।स्नेह आशीर्वाद बनाए रखे।
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घ्र पक्तिं दिल को छू जाती है प्रिय अनिता सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ दी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु।
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