जन्मदिवस एक विशिष्ट दिन जब शुभकामनाओं का अंबार लग जाता है।अपनी बिटिया के जन्मदिवस पर उसको समर्पित लोरी लिखकर मन को बड़ा सुकून मिला।
वरिष्ठ ब्लॉगर एवं जानी-मानी लेखिका, नवगीतकार
आदरणीया कुसुम कोठारी जी ने इसे स्वर देकर अनूठा बना दिया है।
आप भी सुनिए आदरणीया कुसुम दीदी की मधुर आवाज़ में इस प्यारी-सी लोरी को-
धींव बेल बाबुल अँगना की
हिय धड़कन नैना बस जाए
वैण मधुर तुलसी से पावन
मन किसलय मधु रस छलकाए।।
पल्लव प्रीत सृजक धरणी-सी
चपल चंद्रिका आँगन चमके
कच्ची नींद स्वप्न नैनन का
मुखड़ा चंदा जैसा दमके
कुसुम कली-सी मंजुल मोहक
सुता तात बग़िया महकाए ।।
भाल तिलक रोली-सी सजती
होंठों की है वो स्मित-रेखा
नाज़ुक धागा बँधन स्नेह का
मुक्ता जैसी जीवन लेखा
अमूल्य रत्न दुआ बन बरसे
प्रेम-पंथ दूर्वा लहलाए।।
उजली किरण भोर की बेला
अंतस उजियारा जुगनू-सी
आभा बन बिखरी जीवन में
जगी आस झलकी टेसू-सी
अल्पना देहरी पर रचती
ज्यों साँझ दीपक झिलमिलाए।।
@अनीता सैनी 'दीप्ति'
सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 20-11-2020) को "चलना हमारा काम है" (चर्चा अंक- 3891) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।
…
"मीना भारद्वाज"
सादर आभार आदरणीय दी चर्चा मंच पर स्थान देने हेतु।
हटाएंसादर
ममता और वात्सल्य से भरे अप्रतिम उद्गार।
जवाब देंहटाएंप्रिय साक्षी जन्म दिवस पर शुभाशीष शुभकामनाएं।🌹🌷🌹
आभारी हूँ प्रिय कुसुम दी।स्नेह आशीर्वाद बनाए रखे।
हटाएंबिटिया के लिए आपका आशीर्वाद अनमोल है।
सादर
ममत्व और वात्सल्य के भावों की अनुपम अभिव्यक्ति.बिटिया के जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई अनीता💐 गुड़िया को स्नेहाशीष व अनन्त शुभकामनाएं 💐💐
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ आदरणीया मीना दी।बेटी को आपकी मंगलमय आशीष मिली अत्यंत हर्ष हुआ। आशीर्वाद बनाए रखे।
हटाएंसादर
उजली किरण भोर की बेला
जवाब देंहटाएंअंतस उजियारा जुगनू-सी
आभा बन बिखरी जीवन में
जगी आस झलकी टेसू-सी
अल्पना देहरी पर रचती
ज्यों साँझ दीपक झिलमिलाए।।...बेटी के प्रति प्रेम और ममता का बहुत ही सुंदर वर्णन..।बेटीरानी को जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ..।
आभारी आदरणीया जिज्ञासा जी बेटी को मिली आपकी अनमोल आशीष हेतु।
हटाएंसादर
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सर।
हटाएंहृदयस्पर्शी...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावपूर्ण रचना...🙏
आभारी हुँ आदरणीया शरद सिंह जी।
हटाएंसादर
धींव बेल बाबुल अँगना की
जवाब देंहटाएंहिय धड़कन नैना बस जाए
वैण मधुर तुलसी-सी पावन
मन किसलय मधु रस छलकाए।।
माँ का अपनी बेटी के लिए बहुत ही सुन्दर कोमल प्रस्फुटन। लाजवाब बन उभरी हैं पंक्तियों।
आपकी बेटी, बिल्कुल आपकी प्रतिकृति सी लगती है। समस्त शुभकामनाएं व आशीष।
सादर आभार आदरणीय सर सारगर्भित प्रतिक्रिया से रचना को परवाह मिला।मगलमय आशीष हेतु आभारी हूँ।
हटाएंसादर
बहुत सुन्दर और प्रेरक रचना।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सर।
हटाएंयथारीति अनुपम रचना - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सर मनोबल बढ़ाने हेतु।
हटाएंबहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंगुड्डू को बहुत प्यार
जन्मदिन की हार्दिक सुभकामनाये |
जी जरुर ...आभार।
हटाएंवाह ! आशीर्वाद और ममता में पगी मीठे लोरी !
जवाब देंहटाएंवीडियो नहीं देख पा रहे हैं.
आभारी हूँ आदरणीय सर बिटिया को आपका आशीर्वाद मिला।
हटाएंसादर
खूबसूरत रचना सखी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सखी।
हटाएंबेटियों को बेल और दूब की उपमा देकर गहन भाव-विचारों से अभिव्यक्ति को गढ़ा है। सुंदर सृजन जिसमें बेटियों के प्रति स्नेह और अपनत्त्व के साथ पाठक को संवेदनशील होने के लिए प्रभावी शब्दावली का यथोचित प्रयोग चित्ताकर्षक है।बेटियों के प्रति आम नागरिक का नजरिया सकारातमक बनाने में एक प्रयास की भाँति सामयिक हस्तक्षेप है आपकी रचना।
जवाब देंहटाएंबिटिया को मिला आपका आशीर्वाद अनमोल है सर।सुंदर सारगर्भित प्रतिक्रिया हेतु सादर आभार।
हटाएंसादर
धींव बेल बाबुल अँगना की हिय धड़कन नैना बस जाए वैण मधुर तुलसी से पावन मन किसलय मधु रस छलकाए।। वाह क्या कोमल कान्त शब्दावली है | सच बहुत सुन्दर रचना है |
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ सर सारगर्भित प्रतिक्रिया हेतु।मनोबल बढ़ाने हेतु सादर आभार।
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