फाग में हर्षित हैं पुष्प
आसमां अबीर बरसा गया
पात-पात भीगे प्रीत में
चेतना पर सौरभ छा गया।
पलाश पैर में बँधी झाँझरी
हो मुग्ध,रागनी गुनगुना रहा
शृंगार सुशोभित पुलकित है मन
बाट जोहती देहरी गान अनुतान में गा रही।
सुमन सेमल पथ पर बिछाती पवन
पग-ध्वनि को झोंका तरसता रहा
अभिलाषित मन की हूक
देखो! चकोर चाँद को निहारता रहा।
गोरी कोरी हथेलियों पर
रंग मेंहदी का कसूमल भा गया
कर्तव्य भार अंतस गहराया
पलक कोर स्मृति नीर बहा गया।
@अनीता सैनी 'दीप्ति'
सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 26-03-2021) को
"वासन्ती परिधान पहनकर, खिलता फागुन आया" (चर्चा अंक- 4017) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
आभारी हूँ आदरणीय मीना दी चर्चामंच पर स्थान देने हेतु।
हटाएंसादर
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 25 मार्च 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ आदरणीय सर सांध्य दैनिक पर स्थान देने हेतु।
हटाएंसादर
खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ सर।
हटाएंसादर
सुमन सेमल पथ पर बिछाती पवन
जवाब देंहटाएंपग-ध्वनि को झोंका तरसता रहा
अभिलाषित मन की हूक
देखो! चकोर चाँद को निहारता रहा----बहुत खूबसूरत रचना है...।
सादर आभार आदरणीय सर मनोबल बढ़ाने हेतु।
हटाएंसादर
होली के पर्व की विविधता को समेटे सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ आदरणीय सर।
हटाएंसादर
बहुत सुंदर फाग रचना। आपको ढेरों बधाईयाँ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सर।
हटाएंसादर
वाह।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सर आपकी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई।
हटाएंसादर
शानदार।
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ अनुज।
हटाएंसादर
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ... पूरी प्रकृति होली के रंग में नहा गयी ...
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ आदरणीय संगीता दी जी।
हटाएंसादर
गोरी कोरी हथेलियों पर
जवाब देंहटाएंरंग मेंहदी का कसूमल भा गया
कर्तव्य भार अंतस गहराया
पलक कोर स्मृति नीर बहा गया
बहुत सुंदर भाव
बहुत सुंदर पंक्तियां
साधुवाद अनीता जी 🙏
आभारी हूँ आदरणीय वर्षा दी जी।
हटाएंआपका स्नेह आशीर्वाद यों ही बना रहे।
सादर
प्रकृति में फाग के रस-रंग की सरस अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंदिल से आभार आदरणीय दी जी।
हटाएंआशीर्वाद बनाए रखे।
सादर
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति , प्रकृति भी रंग गई फाग रंग में, होली पर्व की ढेरों बधाई हो अनीता , शुभ प्रभात,
जवाब देंहटाएंदिल से आभार प्रिय ज्योति बहन।
हटाएंसादर
बहुत ही सुन्दर इंद्रधनुषी सृजन - - साधुवाद सह।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सर।
हटाएंसादर
फाग का अति सुन्दर श्रृंगार देख कर मन पुलकित हो गया । हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंदिल से आभार प्रिय दी जी मनोबल बढ़ाने हेतु।
हटाएंसादर
बहुत सुदर अनीता जी... पलाश पैर में बँधी झाँझरी
जवाब देंहटाएंहो मुग्ध,रागनी गुनगुना रहा
शृंगार सुशोभित पुलकित है मन
बाट जोहती देहरी गान अनुतान में रही।...पूरा का पूरा फागुन उतार दिया आपने तो
दिल से आभार प्रिय दी जी आपकी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई।
हटाएंआशीर्वाद बनाए रखे।
सादर
पलाश पैर में बँधी झाँझरी
जवाब देंहटाएंहो मुग्ध,रागनी गुनगुना रहा
शृंगार सुशोभित पुलकित है मन
बाट जोहती देहरी गान अनुतान में गा रही।
वाह !!!
बहुत सुंदर...
बहुत मधुर फागुनी रचना ....
साधुवाद अनीता जी 🌹🙏🌹
आभारी हूँ प्रिय शरद दी जी।
हटाएंस्नेह आशीर्वाद बनाए रखे।
सादर
बहुत खूब ... प्रकृति और त्यौहार के रँगों को समेट कर लाजवाब पंक्तियों का सृजन हुआ है ... फाहूँ की खुशबू महक रह है ... होली की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ सर मनोबल बढ़ाने हेतु।
हटाएंसादर
होली की अग्रिम शुभकामनाएँ आदरणीया अनीता सैनी जी।
जवाब देंहटाएंअलग सी इस रचना हेतु बधाई। ।।।
बहुत बहुत शुक्रिया सर।
हटाएंसादर
सुंदर शब्दचित्र एवम प्रकृति के बिंबों का सुन्दर चित्रण,होली के रंगों से सराबोर बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति , होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया जिज्ञासा दी जी मनोबल बढ़ाने हेतु।
हटाएंसादर
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंरंगों का त्योहार,🏵
लाए जीवन में बहार।🏵🏵🏵
सफलता👑 चूमें आपके द्वार
जगत में फैले कीर्ति अपार।।
स्वस्थता, प्रसन्नता,सौहार्दता लिए यह सौभाग्यशाली,पावन पर्व आपके एवं आपके परिवार में नित प्रेम का रंग फैलाए।
आपको सपरिवार रंग-बिरंगी होली की ढेरों शुभकामनाएँ।
💐💐💐
सधु चन्द्र
बहुत बहुत शुक्रिया सखी।
हटाएंसादर
बेहद खूबसूरत रचना सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय सखी।
हटाएंसादर
फाग के रंग बिरंगे फूलों की खुशबू लुटाती बहुत ही मनभावन कृति...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
दिल से आभार प्रिय सुधा दी जी मनोबल बढ़ाने हेतु।
हटाएंसादर
बहुत मधुर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सर।
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