शनिवार, जनवरी 1

२०२२ कहता है



२०२२ कहता है

तुम भावों में शब्दों को 

होंठो पर मुस्कुराहट जड़ो

मैं उल्लास लाया हूँ।


यों मायूसी में न सिमटो

खो जाओ स्वप्न में  

दौड़ गंतव्य की ओर 

मैं पता साहस का लाया हूँ।


चाँद की शीतलता

चाँदनी का लेप बनकर 

दंभ को धोने धरा से

मैं कटोरा उजास का लाया हूँ।


अंतस की परतों में ढूँढ

सब्र के बाँध में तलाशो 

प्रभात की किरणों में ढला 

प्रीत के लिबास में आया हूँ।


@अनीता सैनी 'दीप्ति'

30 टिप्‍पणियां:

  1. चाँद की शीतलता
    चाँदनी का लेप बनकर आया
    दंभ को धोने धरा से
    मैं कटोरा उजास का लाया हूँ।
    वाह!! बहुत खूब !! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ अनीता जी!

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय मीना दी जी।
      सादर

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर रविवार 02 जनवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    1. आभारी हूँ आदरणीय रविंद्र जी सर पांच लिंको पर स्थान देने हेतु।
      सादर

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  3. बहुत खूबसूरत भाव , काश ये सच हो , और सामान्य ज़िन्दगी इंसान जी सके ।
    बहुत शुभकामनाएँ।

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    1. आभारी हूँ आदरणीय संगीता दी जी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु।
      सादर

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  4. बहुत खूब। अंग्रेजी नववर्ष की शुभकामनाएं।

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    1. आभारी हूँ अनुज।
      आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ।
      सादर

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  5. सकारात्मक भावों से गूंथी बहुत ही सुंदर रचना।
    अंग्रेजी नव वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ अनीता।

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    1. बहुत बहुत आभार।
      आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ।
      सादर

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  6. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(2-1-22) को २0२२ कहता है २०२२(चर्चा अंक4297)पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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    1. आभारी हूँ कामिनी दी जी मंच पर स्थान देने हेतु।
      सादर

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  7. अति उत्तम अनिता जी

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय अनीता जी।

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  8. आदरणीया अनिता सैनी जी, नमस्ते👏! नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएँ!
    अंतस की परतों में ढूँढ
    सब्र के बाँध में तलाशो
    प्रभात की किरणों में ढला
    प्रीत के लिबास में आया हूँ।
    आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती सुंदर पंक्तियाँ! साधुवाद!--ब्रजेंद्रनाथ

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    1. आभारी हूँ आदरणीय सर आपकी प्रतिक्रिया संबल है मेरा।
      बहुत बहुत शुभकामनाएँ।
      सादर

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  9. शुभ्र ज्योत्स्ना से सुंदर भाव सकारात्मक आह्वान करते से।
    अभिनव सृजन।
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
    सस्नेह।

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    1. आभारी हूँ आदरणीय कुसुम दी जी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु। आशीर्वाद बनाए रखे।
      सादर

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  10. वाह!प्रिय अनीता ,सकारात्मकता से लबालब ,खूबसूरत अभिव्यक्ति ।

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  11. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं, अनिता दी।

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  12. अंतस की परतों में ढूँढ
    सब्र के बाँध में तलाशो
    प्रभात की किरणों में ढला
    प्रीत के लिबास में आया हूँ।
    बहुत उम्दा सृजन!
    नववर्ष की हार्दिक हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं नववर्ष आपके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये और ढेर सारा प्यार 💜❤
    नववर्ष मंगलमय हो आदरणीय मैम 🙏

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    1. प्रिय मनीषा जी आपको भी हार्दिक हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएँ। आप हमेशा हँसते मुस्कुराते रहो।
      आभारी हूँ प्रिय मनीषा जी।
      सादर स्नेह

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  13. सच सोच सकारात्मक हो तो कुछ भी असंभव नहीं
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय कविता जी।
      सादर

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  14. अंतस की परतों में ढूँढ

    सब्र के बाँध में तलाशो

    प्रभात की किरणों में ढला

    प्रीत के लिबास में आया हूँ।

    ..बहुत बढ़िया ।;आशा और विश्वास का संचार करती सुंदर उत्कृष्ट रचना प्रिय अनीता जी । नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐🙏

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय जिज्ञासा जी। आपको भी हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएँ।
      सादर

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