निर्विकार के उठते हिलकोरे
पग-पग पर करते प्रबुद्ध
उर बहती प्रीत सरित
ममता के पदचाप में बुद्ध।
श्वेत कपोत आलोक बिखेरे
मौन वाणी करुणा की शुद्ध
बोधि-वृक्ष बाँह फैलाए
मानवता की छाप में बुद्ध।
मिलन-बिछोह न भेदे मन
आकुलता संतोषी अबिरुद्ध
दुःख दिगंबर भाव भरता
पंछी के आलाप में बुद्ध।
हवा परतों में शील-प्रज्ञा
गीत कल्याणी गूँजे अनिरुद्ध
मधु घुलता जन-जन हृदय में
समता के हर जाप में बुद्ध।
@अनीता सैनी 'दीप्ति'
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (18-05-2022) को चर्चा मंच "मौसम नैनीताल का" (चर्चा अंक-4434) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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हृदय से आभार सर मंच पर स्थान देने हेतु।
हटाएंसादर
बुद्ध यत्र - तत्र , सर्वत्र व्याप्त हैं । गहन भाव लिए रचना ।
जवाब देंहटाएंहृदय आभार दी
हटाएंबहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार ज्योति बहन
हटाएंवाह! सुंदर!!
जवाब देंहटाएंअनेकानेक आभार सर।
हटाएंहवा परतों में शील-प्रज्ञा
जवाब देंहटाएंगीत कल्याणी गूँजे अनिरुद्ध
मधु घुलता जन-जन हृदय में
समता के हर जाप में बुद्ध।
बहुत सुन्दर सृजन ।
हृदय से आभार मीना दी
हटाएंवाह!बहुत सुंदर प्रिय अनीता । पंछी के आलाप में बुद्ध ,समता के हर जाप में बुद्ध ..वाह!!!
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार प्रिय शुभा दी जी
हटाएंसही कहा आपने। बुद्ध सर्वव्यापी हैं।
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार आपका सर
हटाएंबुद्धं शरणं गच्छामि....अति पावन भाव।
जवाब देंहटाएंअनेकानेक आभार प्रिय दी जी
हटाएंभावपूर्ण सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार 🙏
हटाएंबहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंअपने जीवन में करुणा और प्राणिमात्र के प्रति प्रेम भाव रख कर ही भगवान बुद्ध को हम अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने के योग्य बन सकते हैं.
आपकी प्रतिक्रिया मेरा संबल है और आशीर्वाद अनमोल।
हटाएंहृदय से अनेकानेक आभार।
सादर प्रणाम
बहुत सुंदर गूढ़ रचना अनीता जी ।
जवाब देंहटाएंराग विराग सृष्टि संचालित
पशु पक्षी पादप सब सिंचित
कण कण में हो व्याप्त समर्पण
सत्य,अहिंसा सच्ची सद्गति
गर न अच्छा मार्ग खुले तो
बुद्धम शरणम गच्छामि ।।
हृदय से आभार आपका जिज्ञासा जी
हटाएंबुद्ध पर लिखी कमाल की रचना
जवाब देंहटाएंसृजन सार्थक हुआ से सर, हृदय से आभार
हटाएंसादर
दी! बहुत अच्छी लगी यह कविता!!
जवाब देंहटाएंभास्कर भाई अनेकानेक आभार आप का मनोबल बढ़ाने हेतु.
हटाएंसादर स्नेह
Nice post thank you Stacey
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